Thursday 20 November 2014

सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी को दिया है झटका


सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी को दिया है झटका
टूजी घोटाले की जांच से सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा को दूर कर सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को झटका दिया है। सब जानते हैं कि टूजी घोटाले में ए.राजा एंड कंपनी के साथ-साथ औद्योगिक घराने रिलायन्स के लोग भी शामिल हैं। रंजीत सिन्हा से उनके घर पर जिन लोगों ने मुलाकात की उनमें रिलायन्स की प्रतिनिधि भी शामिल हैं। यह लिखने की जरुरत नहीं कि रिलायन्स से पीएम मोदी के कितने पारिवारिक संबंध हैं। मोदी मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अम्बानी को अपनी बहन मानते हैं तो रिलायन्स के दूसरे मालिक अनिल अंबानी पीएम के स्वच्छता अभियान के आइकन है। सवाल उठता है कि क्या रंजीत सिन्हा सिर्फ अपने दम पर घोटाले के आरोपियों की मदद कर रहे थे? यह तब जब पीएम के पद पर मोदी बैठे हो। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब एक हजार बार कहा था कि सीबीआई केन्द्र सरकार और कांग्रेस के इशारे पर काम करती है। सीबीआई को कांग्रेस इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो तक कहा गया। सुप्रीम कोर्ट ने यह तो नहीं कहा कि सीबीआई केन्द्र सरकार के इशारों पर काम कर रही है, लेकिन रंजीत सिन्हा को जांच से अलग कर कोर्ट ने अपना इशारा प्रकट कर दिया है। नरेन्द्र मोदी कोर्ट के इस इशारे को कितना समझत पाते हैं, यह आने वाला समय ही बताएगा। अलबत्ता अपने दूसरे उद्योगपति मित्र अडाणी को मोदी ऑस्ट्रेलिया में उपकृत कर आए हैं। ऑस्ट्रेलिया सरकार से समझौते के मुताबिक अडाणी ग्रुप ऑस्ट्रेलिया में खदान का काम करेगा। इसके लिए मोदी के अधीन काम करने वाले वित्त मंत्रालय की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अडाणी को 6 हजार करोड़ रुपए का ऋण देगी। इस बैंक से देशभर के नागरिकों का धन जमा है। यदि ऑस्ट्रेलिया में अडाणी को कोई नुकसान हुआ तो ऋण की भरपाई खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में भारत के नहीं ऑस्ट्रेलिया के कानून लागू होते हैं। कांग्रेस अडाणी के मामले को लेकर चिल्ल-पो कर रही है। जबकि मोदी से ज्यादा कांग्रेस ने उद्योगपतियों के साथ मित्रता निभाई है। आज कांग्रेसी जो अरबो-खरबों के मालिक हैं। वे उद्योगपतियों की नजर से ही है, जबकि मोदी अंबानी और अडाणी जैसे उद्योगपतियों का इस्तेमाल अपने और भाजपा के प्रचार-प्रसार के लिए करते हैं। अमेरिका के स्क्वायर मेडिसन और ऑस्ट्रेलिया के ऑल फोन्स एरिना में मोदी के भाषण से पहले जो भव्य समारोह हुए उसमें भारत के प्रमुख उद्योगपतियों की ही सक्रियता रही थी। उद्योगपतियों को इस्तेमाल करने का यह अपना अपना तरीका है। -(एस.पी.मित्तल)
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