Tuesday 25 November 2014

निकाय चुनावों की जीत का श्रेय क्या कटारिया को मिलेगा?

निकाय चुनावों की जीत का श्रेय क्या कटारिया को मिलेगा?
राजस्थान में 46 स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनावों में अधिकांश पर भाजपा का कब्जा हो गया है। चुनाव से पूर्व भाजपा नेतृत्व ने घोषणा की थी कि स्थानीय निकाय के चुनाव वरिष्ठ नेता और प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया के नेतृत्व में लड़े लाएंगे। इन चुनावों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी कोई सक्रियता नहीं दिखाई और प्रचार की सारी कमान कटारिया के पास ही रही। जिन प्रमुख शहरों में चुनाव होने थे, वहां कटारिया ने ही आम सभाओं को संबोधित किया। कई स्थानों पर प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। चुनावों में भाजपा को जो शानदार सफलता मिली है, उससे ही यह सवाल उठता है कि इस सफलता का श्रेय कटारिया को दिया जाएगा? परिणाम के बाद प्रदेश अध्यक्ष परनामी ने अपनी प्रतिक्रिया में जीत का श्रेय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया। कटारिया को भाजपा का एक कर्मठ कार्यकर्ता मानते हुए परनामी ने कहा कि इस जीत में भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का भी योगदान है, लेकिन परनामी ने यह नहीं कहा कि निकाय चुनाव कटारिया के नेतृत्व में जीते गए हैं। सब जानते हैं कि परनामी मुख्यमंत्री राजे की इस सिफारिश से ही अध्यक्ष बने हैं। राजे के सामने परनामी कटारिया के नेतृत्व की सफलता को स्वीकार नहीं कर सकते है। यह बात अजग है कि यदि विधानसभा के उपचुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ता, तो हार का ठीकरा कटारिया पर ही फूटता। कटारिया अपनी बेबाक प्रतिक्रिया के लिए मशहूर है। देखना है कि निकाय चुनाव की जीत पर कटारिया स्वयं को कितना श्रेय देते हैं। अलबत्ता अब प्रदेश के मतदाताओं ने अपने शहर और कस्बे के विकास के लिए सत्ता की कड़ी से कड़ी जोड़ दी है। स्थानीय सरकार से लेकर प्रदेश और केन्द्र तक में भाजपा की सरकार हो गई है। विकास नहीं होने का अब भाजपा के पास कोई बहाना नहीं बचा है। -(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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