Tuesday 25 November 2014

अजमेर के भाजपा नेताओं का कद बढ़ेगा

अजमेर के भाजपा  नेताओं का कद बढ़ेगा
स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा को जो शानदार सफलता हासिल हुई है। उससे अजमेर के कई भाजपा नेताओं का राजनीतिक कद भी बढ़ जाएगा।
प्रदेश संगठन ने भाजपा के नेताओं को अजमेर के अतिरिक्त जयपुर और कोटा नगर निगम के चुनावों की भी जिम्मेदारी दी थी। राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण  के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत को जयपुर का प्रभारी बनाया गया था। इसी प्रकार अजमेर उत्तर क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को कोटा का प्रभारी बनाया गया। इसी प्रकार अजमेर दक्षिण की विधायक और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल को जिले में ही ब्यावर नगर परिषद और पुष्कर नगर पालिका की जिम्मेदारी दी गई। लखावत और देवनानी ने जो रणनीति बनाई उसी का परिणाम रहा कि जयपुर और कोटा में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है। अब इन दोनों ही नगर निगमों में आसानी से भाजपा के मेयर का निर्वाचन हो जाएगा। इसी प्रकार श्रीमती भदेल के नेतृत्व में पुष्कर नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। 20 में से 16 पार्षद भाजपा के है। हालांकि ब्यावर नगर परिषद में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, लेकिन श्रीमती भदेल के प्रयासों से निर्दलीय पार्षदों की मदद से ब्यावर में भी भाजपा की सभापति बनेगी। भाजपा के बागी पार्षदों का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक भूतड़ा लगातार श्रीमती भदेल के सम्पर्क में है। श्रीमती भदेल के साथ-साथ ब्यावर और पुष्कर में भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष प्रो. बी.पी. सारस्वत की भूमिका भी सक्रिय रही। सारस्वत ने भी संगठन के स्तरपर जो मेहनत की उसी का परिणाम रहा कि देानों ही स्थानों पर भाजपा की स्थिति मजबूत है। इसके अतिरिक्त पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत और ब्यावर के विधायक शंकर सिंह रावत की भूमिका को भी सकारात्मक माना जा रहा है। लखावत और देवनानी ने अजमेर से निकलकर दूसरे शहरों में जो कुशलता दिखाई उससे ही माना जा रहा है कि आने  वाले दिनों में इन दोनों नेताओं का भाजपा में राजनीतिक कद और बढ़ेगा।
कांग्रेसी विफल: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने अजमेर में कांग्रेस नेताओं को भी प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जिम्मेदारी दी थी। इन नेताओं में पूर्व विधायक कय्यूम खान, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता, पूर्व मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर, राकेश पारीक, श्रवण सिंह रावत आदि शामिल थे, लेकिन कांग्रेस के नेता किसी भी स्थान पर सफलता नहीं दिलवा सके। श्रीमती अख्तर के गृहनगर पुष्कर में तो कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। (एस.पी.मित्तल)
(spmittal.blogspot.in)

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