Sunday 30 November 2014

दिखावा रहा मुख्यमंत्री का अजमेर दौरा

दिखावा रहा मुख्यमंत्री का अजमेर दौरा
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का 30 नवम्बर का अजमेर दौरा मात्र दिखावा बनकर रह गया। मुख्यमंत्री ने न तो कोई घोषणा की और न ही किसी समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। हालांकि मुख्यमंंत्री की अजमेर यात्रा ऐतिहासिक मेयो कॉलेज के वार्षिक समारोह में भाग लेने के लिए आई थी। लेकिन मुख्यमंत्री के अजमेर आगमन को देखते हुए अजमेर उत्तर के विधायक व शिक्ष राज्यंत्री वासुदेव देवनानी और अजमेर दक्षिण की विधायक व महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने भी अपना-अपना कार्यक्रम निर्धारित करवा लिया। सीएम ने जिस तरह से इन दोनों मंत्रियों के कार्यक्रमों को निपटाया उससे प्रतीत हो रहा था कि उन कार्यक्रमों में सीएम की कोई रूचि नहीं है। आमतौर पर लोकार्पण अथवा शुभारंभ के समारोह के बाद मुख्यमंत्री का संबोधन भी होता है, लेकिन 30 नवम्बर को सीएम ने दोनों ही कार्यक्रमों में संबोधन नहीं किया। वैसे भी देवनानी और भदेल के कार्यक्रम सीएम की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं थे। देवनानी के क्षेत्र में जहां सीएम ने सरकारी अस्पताल में पहले से चल रहे आईसीयू वार्ड का लोकार्पण किया, वहीं भदेल के क्षेत्र में एक आंगनबाड़ी केन्द्र का शुभारंभ किया। सीएम ने इन दोनों कार्यक्रमों में गई जरूर लेकिन साफ लग रहा था कि उनकी रूचि नहीं है। भले ही सीएम ने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी नहीं जाहिर की हो, लेकिन उनके हाव-भाव से झलक रहा था कि सिर्फ मंत्रियों की संतुष्टि के लिए ही आई हैं। दोनों ही समारोह में सीएम ने अपने मंत्रियों की प्रशंसा भी नहीं की। आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में विद्यालय और संबंधित मंत्री की प्रशंसा की जाती है। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि जब 30 नवम्बर को सीएम मेयो कॉलेज के समारोह में राजा महाराजाओं के बीच उपस्थित थी तो वही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विश्व हिन्दू परिषद और संस्कृत भारती संगठन की ओर से भारतीय संस्कृति को बचाने वाले कार्यक्रम चल रहे थी। विहिप की दुर्गा वाहिनी लव-जेहाद में हिन्दू लड़कियों को बचाने और संस्कृत भारती संस्कृत भाषा को जिंदा रखने की रणनीति बना रही थी। वहीं लोकतांत्रिक प्रणाली से बनी सीएम वसुंंधरा राजे को मेयो कॉलेज के समारोह में महारानी शब्द से नवाजा गया। इसी प्रकार सीएम ने भी राजघरानों में जुड़े व्यक्तियों को राजा और महाराजा कहा। मालूम हो कि राजे ग्वालियर और राजस्थान के धौलपुर घराने से जुड़ी हुई है।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

No comments:

Post a Comment