Monday 15 December 2014

मुख्यमंत्री के दौरे में जाट और देवनानी की रही चर्चा

मुख्यमंत्री के दौरे में जाट और देवनानी की रही चर्चा
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के 15 दिसम्बर के अजमेर दौरे में केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट और प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी की चर्चा रही। गत एक पखवाड़े में लगातार दूसरा अवसर रहा, जब जाट सीएम के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। गत 30 नवम्बर को भी जब सीएम अजमेर आई तब जाट अनुपस्थित रहे। इसी प्रकार 15 दिसम्बर के दौरे में भी जाट सीएम के साथ नहीं रहे। आमतौर पर सीएम के दौरे के समय क्षेत्रीय सांसद भी साथ रहते हैं। लेकिन 30 नवम्बर और 15 दिसम्बर को सीएम के दौरे में जाट के नहीं रहने की राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा रही है। जाट को सीएम के दौरे में रहना था। इस बात का पता इससे चलता है कि मुख्यमंत्री ने दोनों यात्राओं में जिन योजनाओं का लोकार्पण किया। उन सभी के लोकार्पण बोर्ड पर सांवरलाल जाट का नाम भी लिखा गया है। यानि प्रशासनिक स्तर पर सभी कार्यक्रमों में जाट को आमंत्रित किया गया। जाट मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में किस नाराजगी के चलते नहीं आ रहे हैं यह मुख्यमंत्री ही जानती है। 15 दिसम्बर के सीएम के दौरे में देवनानी की भी चर्चा रही। हुआ यंू कि भामाशाह योजना के समारोह में जब सीएम मंच पर पहुंची तो देवनानी के समर्थकों ने नारे लगाए 'अजमेर का एक ही देव, वासुदेव-वासुदेव।Ó इन नारों पर सीएम ने नाराजगी जताई और देवनानी से कहा कि नारेबाजी को बंद करवावे। देवनानी के समर्थकों के व्यवहार से सीएम इतनी नाराज हुई कि उन्होंने देवनानी के हाथों से स्मृति चिह्न भी नहीं लिया। हो सकता है कि इस नारेबाजी से देवनानी का कोई इशारा नहीं रहा हो, लेकिन उनके समर्थकों की गलती का खामियाजा देवनानी को भुगतना पड़ सकता है। समारोह में अजमेर दक्षिण की भाजपा विधायक और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल की बल्ले-बल्ले रही। भदेल ने मंच पर सीएम को राजस्थानी चुनरी ओढ़ाई। इससे पहले भी 13 दिसम्बर के सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल पर जयपुर में आयोजित समारोह में भी भदेल ने सीएम को चुनरी ओढ़ाई थी। तीन दिन में दो बार सीएम को चुनरी ओढ़ाकर भदेल ने अपना खून बढ़ा लिया है। भदेल के समर्थक भी इस राजनैतिक कामयाबी से खुश है। सीएम के दौरे में एक महत्त्वपूर्ण बात औंकार सिंह लखावत की भी रही। समारोह के मंच पर लखावत के लिए प्रथम पंक्ति में कुर्सी नहीं लगाई गई, जबकि मंच पर भाजपा के देहात और शहर अध्यक्ष क्रमश: बी.पी.सारस्वत और अरविंद यादव बैठे थे। सीएम का ध्यान जैसे ही नीचे बैठे लखावत की ओर गया, वैसे ही उन्होंने लखावत के लिए प्रथम पंक्ति में कुर्सी लगाने के निर्देश दिए और पूरे सम्मान के साथ लखावत को मंच पर बैठाया। लखावत राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं और उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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