Monday 22 December 2014

भाजपा नेताओं के अरमानों पर पानी फिरा

भाजपा नेताओं के अरमानों पर पानी फिरा
अजमेर में जिला प्रमुख का पद एससी महिला के लिए आरक्षित
अजमेर में जिला प्रमुख का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो जाने से अब भाजपा में बड़े नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है। वहीं एससी वर्ग की महिला को लेकर भी समस्या उठ खड़ी हुई है।
सोमवार को जयपुर में निकाली गई लॉटरी में अजमेर में जिला प्रमुख का पद एससी महिला के लिए आरक्षित हुआ है। इस आरक्षण में भाजपा के उन बड़े नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है जो जिला प्रमुख का पद हासिल करना चाहते थे ऐसे नेताओं में वे शामिल थे जिन्हें गत विधानसभा चुनाव में भाजपा में टिकिट नहीं मिला था। इसी प्रकार लोकसभा के चुनाव में भी सफलता नहीं मिली। जिला प्रमुख के पद पर भाजपा के देहात अध्यक्ष बी.पी. सारस्वत की भी सशक्त दावेदारी थी। सारस्वत ने गत विधानसभा के चुनाव में ब्यावर, अजमेर और पुष्कर में अपनी दावेदारी जताई थी। इसके अतिरिक्त पिछले दिनों हुए नसीराबाद के उपचुनाव में भी सारस्वत ने टिकिट की मांग की थी, लेकिन जातिगत समीकरणों के चलते सारस्वत को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। सारस्वत की नजर जिला प्रमुख के पद पर भी लगी हुई थी, लेकिन अब सारस्वत को सत्ता का कोई दूसरा पद तलाशना होगा। सारस्वत के अलावा पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाडिय़ा, भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरधारी सिंह अरडका, के.जी. जोशी, सुभाष काबरा, पवन माहेश्वरी, वर्तमान जिला प्रमुख श्रीमती सीमा माहेश्वरी, पूर्व जिला प्रमुख सरिता गैना आदि भी जिला प्रमुख के पद पर नजर लगाए हुए थे। इसी प्रकार भाजपा के युवा नेता और मसूदा की विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा के पति भंवरसिंह पलाड़ा भी जिला प्रमुख बनने के इच्छुक थे। एक ओर जहां भाजपा के बड़े नेताओं के अरमानों पर पानी फिरा है वहीं अनुसूचित जाति की सशक्त महिला की तलाश भी समस्या है। इस वर्ग में पुरुष भाजपा नेता तो है लेकिन महिलाओं की संख्या बहुत सीमित है। हालांकि राजनीति में राजनैतिक अनुभव कोई मायने नहीं रखता है लेकिन फिर भी जिला प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पद पर भाजपा को उम्मीदवार तय करने में मुश्किल होगी। फिलहाल जिला परिषद सदस्य सुमन मण्डावरिया का नाम ही उभर कर सामने आया है। माना जा रहा है कि भाजपा उम्मीदवार के चयन में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। श्रीमती भदेल भी इसी वर्ग से भाजपा की मजबूत नेता है। भदेल ने लगातार तीसरी बार अजमेर दक्षिण क्षेत्र में विधायक का चुनाव जीता है।
भाजपा की तरह कांग्रेस के नेताओं के मंसूबे भी धरे रह गए है। कांग्रेस के जो नेता गत विधानसभा के चुनाव में पराजित हुए वे सभी जिला प्रमुख के पद पर नजर लगाए हुए थे। इनमें रघु शर्मा, ब्रह्मदेव कुमावत, नाथूराम सिनोदिया, डॉ. श्रीगोपाल बाहेती आदि शामिल है। जिला प्रमुख बनने के लिए नेताओं को जिला परिषद के वार्ड का चुनाव भी लडऩा अनिवार्य है। ऐसे में बड़े नेताओं ने अपने-अपने वार्ड का निर्धारण भी कर लिया था, लेकिन अब ऐसे नेता वार्ड का चुनाव भी नहीं लड़ेंगे क्योंकि सिर्फ जिला परिषद का सदस्य बनना ही उनका मकसद नहीं है।
पहली बार बनेगा पिछड़े वर्ग का जिला प्रमुख
अजमेर जिला परिषद के इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब जिला प्रमुख अनुसूचित जाति वर्ग का होगा। इससे पहले जो भी जिला प्रमुख बने वह सभी उच्च और ओबीसी वर्ग से जुड़े हुए थे। जिला परिषद के रिकॉर्ड के अनुसार अजमेर में सबसे पहले चौधरी शिवनारायण जिला प्रमुख बने, इसके बाद विश्ववैश्वरनाथ भार्गव, हनुमान सिंह रावत, एस.के. सक्सेना, पुखराज पहाडिय़ा, रामस्वरूप चौधरी, श्रीमती सरिता गैना, श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा तथा वर्तमान में श्रीमती सीमा माहेश्वरी जिला प्रमुख के पद पर कार्य किया। यह भी एक संयोग है कि लगातार चार बार जिला प्रमुख महिला वर्ग से बनेगी।
भाजपा की कार्यकारिणी में एससी महिलाओं का अभाव
भाजपा की हाल ही में घोषित देहात कार्यकारिणी में अनुसूचित जाति की महिला का अभाव रहा है। देहात अध्यक्ष बी.पी. सारस्वत ने कोई सौ से भी ज्यादा पदाधिकारी और कार्यकारिणी के सदस्य घोषित किए। लेकिन इसमें से मुश्किल से पन्द्रह महिलाएं हैं। इसमें भी अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं का अभाव देखा गया।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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