Sunday 28 December 2014

बाबा रामदेव भी आए पीके के खिलाफ

बाबा रामदेव भी आए पीके के खिलाफ
जोशी और द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बाद अब योग गुरु बाबा रामदेव ने भी आमिर खान की फिल्म पीके में हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया है। बाबा ने कहा कि किसी भी फिल्म में किसी धर्म का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। पीके फिल्म में हिन्दू देवी-देवताओं पर प्रतिकूल टिप्पणियां करना उचित नहीं है और फिर आमिर खान जैसे अभिनेता को तो यह शोभा नहीं देता। असल में पीके को लेकर शुरू से विवाद रहा है। आलोचनाओं में यहां तक कहा गया है कि फिल्मकारों को सिर्फ हिन्दू धर्म में ही बुराइयां क्यों नजर आती है? हाल ही में पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल में तालिबान के लड़ाकों ने धर्म की आड़ लेकर ही 132 मासूम बच्चों की हत्या कर दी। सवाल उठता है कि आखिर हत्यारों ने कौन से धर्म की शिक्षा लेकर ऐसा घृणित कार्य किया? असल धर्म कोई बुरा नहीं होता। अपनाने वाले कुछ लोग बुरे होते हैं। यदि जागरुकता के लिए धर्म के पाखंड को उजागर किया जाए तो फिर सभी धर्मों को एक नजर से देखना चाहिए। आमिर खान जिस धर्म को मानते हैं उस धर्म की कमियां उजागर की जाए। एक धर्म को निशाना बनाकर मजाक उड़ाना उचित नहीं कहा जा सकता और फिर आमिर खान ने तो सामाजिक बुराईयों के प्रति अभियान चला रखा है। अच्छा हो कि आमिर खान अपने मुस्लिम सामज में व्याप्त बुराइयां भी फिल्मी पर्दे पर लाएं। पीके को लेकर आमिर की जो आलोचना हो रही है, उसका जवाब आमिर अपनी अगली फिल्म में दे सकते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि आमिर एक सफल और अच्छे अभिनेता हैं। उन्हें अपना संदेश आम लोगों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाना आता है। समाज के सभी वर्ग आमिर का सम्मान करते हैं। इसका ताजा उदाहरण फिल्म पीके की रिकॉर्ड सफलता है। हिन्दू विरोधी फिल्म करार दिए जाने के बाद भी देशभर के लोगों ने फिल्म को देखा। आमिर को भी लोगों की भावनाओं के अनुरूप फिल्मों में कार्य करना चाहिए।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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