Saturday 24 January 2015

ओबामा को ख्वाजा साहब का तबर्रूख और ब्रह्माजी का प्रसाद भी दें मोदी

ओबामा को ख्वाजा साहब का तबर्रूख और ब्रह्माजी का प्रसाद भी दें मोदी
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा तीन दिवसीय भारत यात्रा पर 25 जनवरी को नई दिल्ली आ रहे है। ओबामा दम्पत्ति की आवभगत में पीएम नरेन्द्र मोदी कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। मिशेल को जहां 100 बनारसी साड़ी भेंट की जाएगी वहीं ओबामा को बनारस का पान खिलाया जाएगा। पीएम मोदी स्वय: ओबामा दम्पत्ति की खातिरदारी की तैयारियों में जुटे हुए है। जब दोनों के बीच सरकारी स्तर पर वार्ता होगी तब अजमेर के बारे में भी चर्चा होगी। मोदी अमेरिका की मदद से ही अजमेर को स्मार्ट सिटी बना रहे हैं। मोदी जब अजमेर के महत्व के बारे में बताएंगे तब यह भी बताया जाएगा कि इस सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का मंदिर और सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर में ही है। इसलिए अजमेर का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व है। चूंकि दोनों नेताओं के बीच अजमेर पर चर्चा होगी इसलिए यह जरूरी हो गया है कि पीएम मोदी ओबामा को ख्वाजा साहब की दरगाह का तबर्रूख और ब्रह्मा जी का प्रसाद भी दें। पीएम मोदी अमेरिका की मदद से अजमेर और पूरे देश को कितना भी चमका ले लेकिन जब तक तबर्रूख और प्रसाद का आपसी तालमेल नहीं होगा तब तक कोई भी तकनीक कारगर नहीं हो सकती। ख्वाजा साहब के प्रति भारत ही नहीं दुनिया भर के मुसलमानों में अकीदत है। ऐसे ही पुष्कर को तीर्थो का गुरु माना जाता है। पीएम मोदी तबर्रूख और प्रसाद के जरिए ओबामा को देश के हालात भी बता सकते है। अब अकेले प्रसाद या तबर्रूख को लेकर भारत का विकास नहीं किया जा सकता। यदि ओबामा एशिया महाद्वीप में भारत को मजबूत देखना चाहते है तो उन्हें तबर्रूख और प्रसाद के अपने-अपने महत्व को समझना होगा। यह नहीं हो सकता कि अमेरिका एक ओर पाकिस्तान की सैन्य मदद करे और दूसरी ओर भारत को औद्योगिक विकास करवाए। यदि पाकिस्तान को अरबों-खरबों की सैन्य सहायता दी जाती है तो अमेरिका यह अच्छी तरह समझ ले कि पाकिस्तान इसका उपयोग भारत के खिलाफ ही करेगा। खुद अमेरिका को पता है कि पाकिस्तान की जमीन से ही भारत पर आतंकी हमले होते है, लेकिन इन हमलों को रूकवाने में अमेरिका में भारत की कभी भी मदद नहीं की है। आजादी के बाद से ही भारत में हिन्दू-मुसलमान के बीच खाई बढ़ती ही जा रही है। कुछ लोग ऐसे है जो इस खाई को लगातार चौड़ी कर रहे है। जब भी कोई आतंकी वारदात होती है तो भारत में रह रहे स्लीपर सेल की भूमिका जरूर सामने आती है। छोटी-छोटी बातों पर साम्प्रदायिक तनाव और हिंसक घटना होना आम बात हो गई है। सवाल यह नहीं है कि अब ओबामा की खातिरदारी कर कितना अमेरिकी निवेश प्राप्त करते है। अह्म सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी ओबामा को ख्वाजा साहब के तबर्रूख और ब्रह्माजी के प्रसाद के बारे में समझा पाए? भारत आने से पहले ओबामा ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत का महत्व इसलिए भी हो गया है कि चाय बेचने वाले नरेन्द्र मोदी पीएम बन गए है। मोदी को ओबामा को यह बताना होगा कि सिर्फ चाय बेचने के कारण मैं पीएम नहीं बना। मोदी के पीएम बनने के जो असली कारण है वह भी ओबामा को बताए जाने चाहिए तभी अमेरिका की पाकिस्तान की नीति में बदलाव आ सकता है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

No comments:

Post a Comment