Tuesday 20 January 2015

सीएम राजे क्यों नहीं सुधारती आरपीएससी के बिगड़े हालात

सीएम राजे क्यों नहीं सुधारती आरपीएससी के बिगड़े हालात
सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी को एक बार फिर राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2012 पर रोक लगा दी है। यह रोक तब लगाई गई है, जब राजस्थान लोक सेवा आयोग में पात्र अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए जा रहे थे। इससे पहले भी अनेक परीक्षाओं के परिणाम या तो निकले ही नहीं या फिर गलतियों की वजह से न्यायालय में अटके हुए है। कांग्रेस शासन में नियुक्त हबीब खां गौराण अभी भी पुलिस के साथ लुका छिपी का खेल खेल रहे हैं। यानि आयोग के हालात बेहद खराब हैं। जिसका खामियाजा राजस्थान के लाखों बेरोजगार युवाओं उठाना पड़ रहा है। गत विधानसभा के चुनाव प्रचार में भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे ने आयोग की कार्यप्रणाली को भी मुद्दा बनाया था, लेकिन राजे को मुख्यमंत्री बने एक वर्ष से ज्यादा का समय हो गया, पर अभी तक भी आयेाग के हालात सुधरे नहीं है। अधीनस्थ सेवाओं की भर्ती के नाम पर आयोग का विभाजित तो कर दिया गया, लेकिन न तो अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग शुरू हो पाया है और न ही मुख्य आयोग के हालात सुधरे हैं। राजे ने आयोग के बिगड़े हालात सामने रख कर सीएम का पद हासिल कर लिया, लेकिन सीएम बनने के बाद हालात सुधारने का कोई काम नहीं किया। अभी भी आयोग में वो तीन सदस्य ही कार्य कर रहे हैं, जिनकी नियुक्ति गत कांग्रेस के शासन में हुई थी। डॉ. गौराण को इस्तीफा दिए पांच माह गुजर गए, लेकिन अध्यक्ष की नियुक्ति भी नहीं हो पाई है। आर.डी.सैनी कार्यवाहक अध्यक्ष का काम भी कर रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिर सीएम राजे आयोग के हालात सुधार क्यों नहीं रही हैं? आज प्रदेशभर के युवाओं में आयोग की कार्यप्रणाली से भारी नाराजगी है। यह वाकई शर्मनाक बात है एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी आयोग में नए सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। सरकार की बेखरुखी से बेरोजगार युवाओं में रोष बढ़ता ही जा रहा है। गंभीर बात तो यह है कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व सीएम राजे की कार्यप्रणाली पर कोई नियंत्रण नहीं कर पा रहा है।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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