Monday 12 January 2015

छावनी चुनाव परिणाम में कांग्रेस को मिली आक्सीजन

छावनी चुनाव परिणाम में कांग्रेस को मिली आक्सीजन
पंचायत चुनाव पर पड़ सकता है असर
अजमेर शहर के एक क्षेत्र और नसीराबाद में हुए छावनी चुनावों के परिणाम से कांग्रेस को आक्सीजन मिल गई है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जो कांग्रेस मृतप्राय: हो गई थी उसे इस आक्सीजन ने आगामी पंचायत चुनाव में भाजपा के सामने खड़े होने का बल मिल गया है। नसीराबाद के आठ वार्डो में से भाजपा को चार वार्डो में जीत मिली जबकि 3 में कांग्रेस और एक वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार तरन्नुम अख्तर विजयी हुई हैं। यूं तो निर्दलीय उम्मीदवार अख्तर भाजपा की ही बागी है, लेकिन उनकी जीत का श्रेय मुस्लिम मतदाता ही है। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने अख्तर को इसलिए जितवाया कि वे भाजपा के साथ नहीं रहेगी। हालांकि भाजपा के बड़े नेता अब अख्तर को मनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन भाजपा को सफलता मिलना मुश्किल हो रहा है।
इधर कांग्रेस के तीन पार्षदों ने एकजुट होकर अख्तर से कहा है कि यदि कांग्रेस में शामिल होती है तो  उन्हें छावनी बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। फिलहाल आठ सदस्यों वाले बोर्ड में चार-चार पार्षद आमने-सामने हो गए है। नसीराबाद में आठ वार्डो में से चार में भाजपा की हार राजनीतिक दृष्टि से बहुत मायने रखती है। नसीराबाद क्षेत्र को अजमेर के सांसद और केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट का घर माना जाता है। जाट ने वर्ष 2013 मेें विधानसभा का चुनाव नसीराबाद से ही जीता था, लेकिन सांसद बनने के बाद जब नसीराबाद में उपचुनाव हुए तो यहां भाजपा प्रत्याशी श्रीमती सरिता गैना को हार का सामना करना पड़ा। तब भी यह आरोप लगा कि जाट ने श्रीमती गैना को जितवाने के खास प्रयास नहीं किए। इसलिए छावनी बोर्ड के आठ में से चार वार्डो में भाजपा उम्मीदवारों की हार से एक बार फिर सांवरलाल जाट पर अंगुली उठ रही है। छावनी बोर्ड के चुनाव में कांग्रेस के तीन प्रत्याशी की जीत का श्रेय कांग्रेस के क्षेत्रीय विधायक रामनारायण गुर्जर को दिया जा रहा है। गुर्जर ने एक-एक मतदाता से सम्पर्क कर कांग्रेस उम्मीदवार को जितवाने में अह्म भूमिका निभाई।
अजमेर शहर के  एक क्षेत्र में हुए छावनी बोर्ड के 6 वार्डो में से भाजपा ने चार में जीत हांसिल की है, लेकिन यह जीत तब हुई जब यहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार ही खड़े नहीं किए। यानि एकतरफा चुनाव में भी भाजपा को 6 में से 2 वार्डो में हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों वार्डो में निर्दलीय उम्मीदवार जीते है जबकि एक वार्ड में भाजपा प्रत्याशी मात्र 4 मतों से विजयी हुआ है। शहरी क्षेत्र में भाजपा को 6 में से 2 वार्डो में हार का तब सामना करना पड़ा जब अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायक मंत्री है। उत्तर क्षेत्र के विधायक और स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष  अरविंद यादव, नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत आदि नेताओं ने सभी 6 वार्डो में जीत के लिए जी तोड़ कोशिश की लेकिन इसके बावजूद भी दो वार्डो में भाजपा उम्मीदवारों की हार हो गई। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो इन चुनावों में उम्मीदवार नहीं उतारकर कांग्रेस ने पहले ही हार स्वीकार कर ली थी।
छावनी क्षेत्र के चुनाव परिणामों में यह माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव के लिए कांग्रेस को आक्सीजन मिल गई है। जो कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मृतप्राय: हो गई थी उसे अब पंचायत चुनाव लडऩे के लिए बल मिल गया है। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के लिए कमर कस ली है। कांग्रेस के नेता इस बात से उत्साहित है कि भाजपा को छावनी बोर्ड के चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत नहीं मिली जबकि कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिल गई है। भाजपा के नेता भले ही कुछ भी दावे करे लेकिन छावनी बोर्ड के परिणाम भाजपा के लिए उत्साहजनक नहीं है।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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