Wednesday 4 February 2015

मंत्री और अफसर भी नहीं जा रहे अस्पताल

मंत्री और अफसर भी नहीं जा रहे अस्पताल
स्मार्ट सिटी बनने वाले अजमरे शहर में 4 फरवरी तक स्वाइनफ्लू रोग से 14 लोगों ने दम तोड़ दिया है। यहां के नेहरू अस्पताल में अभी भी 30 रोगी भर्ती हैं और रोजाना स्वाइनफ्लू रोग से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिलेभर में स्वाइन फ्लू रोग विकराल रूप लेता जा रहा है, लेकिन अभी तक भी किसी भी मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारी ने नेहरू अस्पताल जाकर पीडि़त मरीजों की सुध नहीं ली है। स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, संभागीय आयुक्त धर्मेन्द्र भटनागर, जिला कलेक्टर आरुषि मलिक, अतिरिक्त कलेक्टर किशोर कुमार, हरफूल सिंह यादव आदि नेहरू अस्पताल में पुख्ता इंतजाम होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन किसी ने भी अभी तक अस्पताल जाने की हिम्मत नहीं जुटाई है। 3 फरवरी को देवनानी ने सक्रियता दिखाई। 4 फरवरी को अनिता भदेल मैदान में कूद पड़ी। भदेल ने सिर्फ सक्रियता दिखाई ताकि देवनानी से पीछे नहीं रहे। हालांकि दोनों ही मंत्री अजमेर शहर से चुने गए हैं, लेकिन किसी भी मुद्दे पर संयुक्त प्रयास नहीं करते। स्वाइनफ्लू जैसे रोग पर भी दोनों मंत्री एकजुट नहीं हो पाए हैं। इस बीच जिला कलेक्टर मलिक की अलग ही सोच नजर आई है। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में प्रार्थना सभा न की जाए, बताया जाता है कि कलेक्टर ने इस फरमान से शिक्षा मंत्री देवनानी सहमत नहीं है। देवनानी का मानना है कि प्रार्थना सभा के माध्यम से जागरुक किया जा सकता है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी कहा है कि स्वाइनफ्लू के इलाज के साथ-साथ बचाव के लिए जागरुक भी किया जाए।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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