Wednesday 11 February 2015

अब कांग्रेस के नहीं भाजपा के राज के है गवर्नर

अब कांग्रेस के नहीं भाजपा के राज के है गवर्नर
पटना से लेकर दिल्ली तक विधायकों की परेड करा रहे बिहार के पूर्व सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को अब यह समझना चाहिए कि पटना में कांग्रेस राज के नहीं बल्कि भाजपा राज के गवर्नर विराजमान हंै। नीतीश कुमार चाहते है कि भाजपा राज के गवर्नर केजरीनाथ त्रिपाठी उन्हें तत्काल मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दें। नीतीश कुमार का यह भी सपना है कि उनके चेले जतीनराम मांझी को मुख्यमंत्री के पर से बर्खास्त कर दिया जाए। नीतीश और लालू को इस ख्वाब को पालने से पहले वर्ष 2014 का वो समय याद करना चाहिए, जब भाजपा के विधायक अपने नेता सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में पटना से लेकर दिल्ली तक के धक्के लग रहे थे। उस समय भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया, तब विरोध करते हुए नीतीश कुमार ने जेडीयू का गठबंधन भाजपा से तोड़ लिया। आज जिस तरह नीतीश गुहार लगा रहे है, ठीक उसी तरह सुशील मोदी भी गवर्नर से कह रहे थे कि नीतीश के पास बहुमत नहीं है, इसलिए नीतीश को बिहार के सीएम के पद से बर्खास्त कर दिया जाए। चूंकि तब पटना में कांग्रेस राज के गवर्नर डीवाई पाटिल विराजमान थे, इसलिए मोदी की एक नहीं सुनी गई। बाद में नीतीश ने अपनी सहूलियत से विधानसभा में कांग्रेस और जनता दल के विधायकों का समर्थन लेकर बहुमत साबित कर दिया। जब कांग्रेस राज के गवर्नर से नीतीश अपनी सहूलियत के मुताबिक निर्णय करवा सकते तो क्या जतीनराम मांझी भाजपा राज के गवर्नर से अपनी सहूलियत के मुताबिक निर्णय नहीं करवा सकते। नीतीश और लालू ने जो किया वो ही आज मांझी कर रहे है। अब मांझी के साथ भाजपा के विधायक है। नीतीश और लालू को इतनी समझ तो होनी चाहिए कि सीएम वही होगा जो पटना का गवर्नर हाऊस चाहेगा। नीतीश और लालू को इधर-उधर भागने के बजाय आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां करनी चाहिए। आखिर केजरीनाथ त्रिपाठी उत्तर प्रदेश में भाजपा के मजबूत नेता रहे हंै। जहां तक राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का सवाल है तो केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी की सरकार है। मांझी को जब सहूलियत होगी, तब बहुमत साबित कर दिया जाएगा।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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