Thursday 26 February 2015

स्मार्ट सिटी के लिए अभी तक भी नहीं आई गाइड लाइन

स्मार्ट सिटी के लिए अभी तक भी नहीं आई गाइड लाइन
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने अमरीका की एक एजेंसी के साथ अनुबंध तो कर लिया है, लेकिन अजमेर स्मार्ट कैसे बनेगा, इसको लेकर अभी तक भी कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं हुई है। यह बात 26 फरवरी को अजमेर के डीसी धर्मेन्द्र भटनागर ने पत्रकारों को बताई। डीसी ने स्मार्ट सिटी पर चर्चा करने के लिए पत्रकारों को बुलाया था। लेकिन डीसी तब उलझ गए तब पत्रकारों ने स्मार्ट सिटी बनाने के तरीके के बारे में जानकारी चाही। वाद-विवाद के बाद भटनागर को यह स्वीकार करना पड़ा कि राज्य और केन्द्र सरकार से इस संबंध में कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं हुई है। इस पर जब पत्रकारों ने जानना चाहा कि बगैर गाइड लाइन के स्मार्ट सिटी को लेकर रोज-रोज बैठकें क्यों की जा रही हैं? तो डीसी ने कहा कि मैं अपने स्तर पर स्मार्ट सिटी के प्रति जनजागरण कर रहा हंू। सरकार की गाइड लाइन आने से पहले मैं अजमेर के नागरिकों को स्मार्ट बनने के लिए मानसिक रूप से तैयार कर रहा हंू। इस पर पत्रकारों ने अस्थाई अतिक्रमण हटाने और नियमित सफाई का मुद्दा रखा तो डीसी ने तत्काल कह दिया कि यह कार्य तो नगर निगम का है। असल में डीसी और जिला प्रशासन में ही तालमेल नहीं है। सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए जो नाममात्र की कमेटी बनाई उसका अध्यक्ष डीसी को बना तो दिया, लेकिन अधिकार कुछ भी नहीं दिए। प्रशासनिक व्यवस्था में सारे अधिकार जिला कलेक्टर के पास होते हैं। सच्चाई यह है कि डीसी भटनागर और कलेक्टर आरुषि मलिक के बीच तालमेल ही नहीं है। मलिक सीधे आईएएस बनी हैं, जबकि भटनागर आरएएस से प्रमोट होकर आईएएस बने हैं। सरकार कितना भी जोर लगा ले, लेकिन सीधे आईएएस बनने वाले कभी भी प्रमोटी आईएएस को सम्मान देते ही नहीं। डीसी भले ही कमेटी के अध्यक्ष बन गए हों, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था में वे जिला प्रशासन के अधिकारियों को सीधे निर्देश नहीं दे सकते। गाइड लाइन आ जाने के बाद भी यदि कलेक्टर और डीसी में तालमेल नहंीं हुआ तो अजमेर स्मार्ट बन ही नहीं सकता। जहां तक लोगों को जागरुक करने का सवाल है, तो संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी ही शहर का सौंदर्य बिगाड़ते हैं। यातायात सुरक्षा सप्ताह में भी अस्थाई अतिक्रमण नहीं हटाने से जाहिर होता है कि जिला प्रशासन का सहयोग डीसी भटनागर को नहीं मिल रहा है। नगर निगम और प्रशासन की अनदेखी की वजह से ही अतिक्रमणों की बाढ़ सी आ गई है। प्रशासन के अधिकारियों को भी पता है कि भटनागर 5-6 माह में रिटायर होने वाले हैं,जबकि अजमेर की कलेक्टर आरुषि मलिक लम्बे समय तक आईएएस बनीं रहेंगी। सरकार को चाहिए कि पहले प्रशासनिक खींचतान को समाप्त करवाए।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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