Friday 13 February 2015

आखिर अजमेर के पार्षद चाहते क्या है

आखिर अजमेर के पार्षद चाहते क्या है
पीएम नरेन्द्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहल पर स्मार्ट सिटी बनने जा रहे अजमेर के पार्षदों ने 12 फरवरी को नगर निगम की साधारण सभा में जो आचरण किया उससे सवाल उठता है कि आखिर अजमेर के पार्षद चाहते क्या है? महिला पार्षद जमीन पर धरने पर बैठ गई तो भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने हंगामा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों ही दलों के पार्षद अपने दिल पर हाथ रखकर बताए कि क्या इस व्यवहार से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जा सकता है। निगम का पांच वर्ष का वर्तमान कार्यकाल आगामी अगस्त माह में समाप्त हो रहा है यानि जब इस कार्यकाल में मात्र 6 माह रह गए है, तब जनसमस्याओं के समाधान को लेकर हो हल्ला मचाया जा रहा है। पार्षदों को अब शहर की दुर्गति की भी चिंता हो रही है। पूरा शहर जानता है कि अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने साढ़े चार वर्ष तक गठजोड़ बनाए रखा। कांग्रेस के राज में भाजपा के पार्षद मददगार रहे तो अब भाजपा के राज में कांग्रेस के पार्षद मददगार है। शहरभर में बाजारों और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर जो अवैध निर्माण हुए हैं, उसमें दोनों ही दलों के पार्षदों की मिलीभगत रही है। गत बार निगम के मेयर का चुनाव सीधे मतदाता द्वारा किया गया। तब सरकार की यह मंशा थी कि मेयर पार्षदों के दबाव के बिना काम करेगा, लेकिन अजमेर की जनता ने कांग्रेस के मेयर कमल बाकोलिया की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह देखा है। यह सही है कि साढ़े चार वर्ष में बाकोलिया ने अपनी मर्जी के मुताबिक काम किया है। पार्षद माने या नहीं, लेकिन आम जनता को यह लगता है कि शहर की दुर्गति के जिम्मेमदार पार्षद ही है। अवैध निर्माण का मामला हो या वार्ड में सफाई करने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति। सभी में पार्षदों की सक्रिय भूमिका रही है। संबंधित ठेकेदार की रुचि सफाई में नहीं बल्कि पार्षदों को खुश करने में रहती है। ठेकेदार को भी पता है कि यदि पार्षद खुश नहीं रहा तो फिर वार्ड में सफाई नजर नहीं आएगी और यदि पार्षद खुश रहा तो वार्ड में गदंगी नजर नहीं आएगी। इसलिए सफाई को दरकिनार कर ठेकेदार ने अपने पार्षद को ही खुश करने का काम किया। कांग्रेस के वर्तमान बोर्ड के पास ऐसा एक भी कार्य नहीं है जो उपलब्धि के नाम पर गिनाया जा सके। भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आगामी चुनावों मं किस प्रकार अपना पक्ष रखते हैं यह आने वाला समय ही बताएगा।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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