Wednesday 4 February 2015

ऑन कॉल टैक्सी का विरोध क्यों

ऑन कॉल टैक्सी का विरोध क्यों
पीएम नरेन्द्र मोदी की पहल पर स्मार्ट सिटी बनने वाले अजमेर में पिछले कुछ दिनों से ऑन कॉल टैक्सी कारोबार शुरू हुआ है। अलग-अलग कंपनियों ने ग्राहक के टेलीफोन पर टैक्सी सेवा उपलब्ध करवाई है। इसके अंतर्गत 40-50 रुपए में 2 किलोमीटर तथा इसके बाद 12-15 रुपए प्रति किमी के हिसाब से शुल्क लेकर टैक्सी यानि कार उपलब्ध करवाई जा रही है। इससे जहां आम नागरिकों को सस्ती दर पर कार मिल रही है, वहीं शहर के बेरोजगार युवाओं को भी बड़ी संख्या में रोजगार मिला है। कोटड़ा, शास्त्री नगर, वैशाली नगर, मीर शाह अली, रामगंज, सुभाष नगर, डिग्गी बाजार, पंचशील आदि बाहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जब बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि पहुंचना होता है तो टेलीफोन पर ही टैक्सी मंगा कर अधिकतम 100 रुपए में पहुंच जाते हैं। इसी प्रकार लौटते समय भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है, लेकिन ऑन कॉल टैक्सी व्यवसाय का अब अजमेर के ऑटो चालक, सिटी बस आदि के मालिक विरोध कर रहे हैं। टैक्सी सेवा को बंद करवाने के लिए रैली, धरना, प्रदर्शन आदि किए जा रहे है। ऑटो वालों का यह विरोध शहर के नागरिकों को समझ में नहीं आ रहा है। शहर के नागरिक आमतौर पर यह शिकायत करते हैं कि ऑटो वाले रेलवे स्टेशन से तीन से चार किलोमीटर दूर स्थान के 100 से 150 रुपए वसूलते हैं। रात के समय यह राशि 200 रुपए तक पहुंच जाती है। इसी तरह सिटी बसों में जानवरों की तरह नागरिकों को भरा जाता है। अच्छा होता कि सिटी बस और ऑटो के मालिक अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करते। वैसे भी यह दौर प्रतिस्पद्र्धा का है। जो कंपनी या कारोबारी व्यक्ति अच्छी सेवा देगा, लोग उसे पसंद करेंगे। अच्छी सेवा देने वालों का विरोध कर स्वयं के दोषपूर्ण कारोबार को जारी नहीं रखा जा सकता। ऑटो चालक यदि मेहनतकश आदमी की तरह ईमानदारी के साथ काम करेंगे तो उनके हितों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आने वाले दिनों में रेल टिकट के साथ ही टैक्सी की सुविधा भी मिलने लगेगी। जैसे यदि कोई व्यक्ति मुम्बई से अजमेर आया है और उसे अजमेर के रेलवे स्टेशन से शास्त्री नगर जाना है तो शास्त्री नगर जाने का शुल्क रेल टिकट के साथ ही निर्धारित कर दिया जाएगा। अजमेर में खड़ा टैक्सी चालक प्लेट फार्म से ही यात्री को अपनी सुविधा उपलब्ध करवा देगा। अब जब पीएम मोदी की पहल पर अजमेर स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है तो स्थानीय कारोबारियों को नई-नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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