Thursday 12 February 2015

देवनानी के लिए मुसीबत बन सकता है जिला प्रमुख का चुनाव

देवनानी के लिए मुसीबत बन सकता है जिला प्रमुख का चुनाव
हालांकि 23 वर्षीय वंदना नोगिया का अजमेर के जिला प्रमुख के पद पर निर्विरोध चुनाव हो गया है, लेकिन यह चुनाव प्रभारी मंत्री वासुदेव देवनानी के लिए मुसीबत बन सकता है। जिला प्रमुख के उम्मीदवार के चयन पर जो विवाद हुआ वह अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अशोक परनामी तक पहुंच गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के चार भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया है कि जिला प्रमुख के पद के लिए जिस नाम पर आम सहमति बनी थी, उसे दरकिनार कर देवनानी ने वंदना नोगिया को उम्मीदवार घोषित कर दिया। देवनानी ने नोगिया के नाम पर क्षेत्रीय सांसद और केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट की भी सहमति नहीं हुई। इतना ही नहीं देवनानी ने अपने स्तर पर ही प्रदेश संगठन को अवगत कराया कि आम सहमति वंदना नोगिया के नाम पर बनी है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के विधायकों और सांसद जाट ने किरण जैदिया और अनिता बैरवा के नाम पर सहमति जताई थी। देवनानी को यह अधिकार दिया गया कि वे प्रदेश से सहमति करवाकर दोनों में से किसी एक नाम की घोषणा कर दी, लेकिन देवनानी ने आम सहमति वाले दोनों नामों को दरकिनार कर वंदना नोगिया का नाम ऐन वक्त पर घोषित कर दिया।
चूंकि देवनानी ने अपने ही स्तर पर नोगिया का नाम तय किया, इसलिए नामांकन के अंतिम समय तक नाम की घोषणा नहीं की गई, यही वजह रही कि भाजपा विधायकों ने किरण जैदिया और अनिता बैरवा का नामांकन भी भाजपा उम्मीदवार के रूप में दाखिल करवा दिया। विधायकों का यह मानना था कि इन दोनों में से ही किसी एक को उम्मीदवार घोषित किया जाएगा, लेकिन अब वंदना नोगिया ने नामांकन दाखिल किया तो भाजपा के विधायक आश्चर्यचकित रह गए। नामांकन के बाद ही देवनानी ने नोगिया को अधिकृत उम्मीदवार बताते हुए निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पार्टी का सिम्बल दिया। बाद में यह विवाद इतना बढ़ा कि अनिता बैरवा तो निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो गई और क्षेत्रीय सांसद जाट के सिविल लाइन स्थित निवास पर जाकर बैठ गई। जाट ने भी इस बात पर नाराजगी जताई कि देवनानी ने आम सहमति को दरकिनार किया है।
जानकार सूत्रों के अनुसार प्रदेश संगठन ने भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. बी.पी. सारस्वत से जिला प्रमुख चुनाव के विवाद पर रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही सांसद जाट और भाजपा विधायकों ने अपने-अपने स्तर पर भी हाईकमान को जानकारी दी है। चुनाव को लेकर जो राजनीतिक हालात उत्पन्न हुए है, उसमें देवनानी के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। वहीं देवनानी अभी भी अपने इस बयान पर कायम है कि आम सहमति वंदना नोगिया के नाम पर ही बनी थी। देवनानी के समर्थकों का कहना है कि यदि नोगिया के नाम पर आम सहमति नहीं होती तो देवनानी अपने स्तर पर नाम की घोषणा करने का जोखिम नहीं लेते। देवनानी ने वंदना नोगिया के नाम पर आरएसएस की भी सहमति नहीं बताई चूंकि देवनानी को आरसएस का समर्थन है, इसलिए देवनानी अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत मानते है। संघ की वजह से ही देवनानी वर्तमान में अजमेर में एक साथ तीन भूमिका निभा रहे है। देवनानी अजमेर उत्तर क्षेत्र से तो विधायक हैं ही साथ ही प्रदेश के स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री भी बने हुए हैं। सरकार ने देवनानी को ही जिले का प्रभारी मंत्री बना रखा है तो प्रदेश अध्यक्ष ने देवाननी को ही पंचायतीराज चुनाव का जिला प्रभारी भी बनाया है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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