Monday 23 February 2015

ऐसे कैसे बनेगा अजमेर स्मार्ट

ऐसे कैसे बनेगा अजमेर स्मार्ट
23 फरवरी को यातायात सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ पर अजमेर के सूचना केन्द्र में एक समारोह हुआ। इस समारोह में डीसी, कलेक्टर, एसपी, सिटी मजिस्ट्रेट आदि बड़े अधिकारियों ने कहा कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाना है। इसलिए आम नागरिक भी सहयोग करेंगे। अफसरों का यह भाषण सुनने वालों में ऑटो चालक, ठेले वाले और टै्रफिक पुलिस के सिपाही थे। इन लोगों को भी पुलिस वाले ही पकड़ लाए थे। सरकारी आयोजनों में ऐसा ही होता है। समझ में नहीं आता कि जब यातायात सुरक्षा का आयोजन है तो फिर प्रशासन आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित क्यों नहीं करता है? अब जब केन्द्र सरकार की पहल पर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जाना है, तब भी सरकारी आयोजनों में आम लोगों की भागीदारी नहीं हो रही है। यदि अजमेर शहर से अस्थाई अतिक्रमण ही हटा दिए जाए तो स्मार्ट सिटी का आधा काम पूरा हो जाएगा। लेकिन अस्थाई अतिक्रमणकारियों पर नगर निगम, एडीए, टै्रफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग आदि का संरक्षण है, इसलिए शहर का बेवजह टै्रफिक बिगड़ा हुआ है। टै्रफिक को सुधारने के लिए शहर के भीड़ वाले बाजार मदारगेट, नला बाजार, नया बाजार, कचहरी रोड, केसरगंज आदि को नो वेंडर जोन घोषित कर रखा है, लेकिन इन क्षेत्रों से आज तक भी संबंधित विभागों ने ठेले वालों को नहीं हटाया है। व्यापारी भी दुकान के बाहर सड़क पर दस फिट तक अस्थाई अतिक्रमण करता है। चूंकि संबंधित विभागों के कर्मचारी और अधिकारी अपने स्वार्थ पूरे करते हैं। इसलिए अस्थाई अतिक्रमण नहीं हटा सकते हैं। आगरा गेट सब्जी मंडी के मुख्यद्वार पर हो रहा अतिक्रमण तो संबंधित विभागों के अधिकारियों के मुंह पर खुला तमाचा है। मंडी के द्वार के दोनों और प्रभावशाली फलवालों का बड़ा कब्जा है। इसके पास की मुख्य सड़क पर ही एक ओर अस्थाई अतिक्रमण है। मजे की बात यह है कि जब यह फल वाला अवकाश पर रहता है तो अपने चार पांच ठेलों पर कपड़ा या बोरी बांध देता है। यानि व्यवसाय नहीं होने पर भी खुली सड़क पर अस्थाई अतिक्रमण रहेगा। शर्मनाक बात तो यह है कि इस विशाल अस्थाई अतिक्रमण के सामने ही आगरा गेट चौराह है। जहां पर दिनभर टै्रफिक पुलिस के अधिकारी और जवान तैनात रहते है। टै्रफिक बिगाडऩे वाली ऐसी स्थिति शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में बनी हुई हैं। यदि डीसी, कलेक्टर, एसपी निगम के सीईओ, आरटीओ, डीटीओ आदि मिलकर अस्थाई अतिक्रमण हटा दें तो अजमेर अपने आप स्मार्ट दिखने लगेगा, लेकिन अजमेर की जनता यह अच्छी तरह जानती है कि यातायात सुरक्षा सप्ताह में भी संबंधित विभागों की वसूली के अलावा कुछ भी नहीं होगा। संबंधित विभागों के अधिकारी अपने नौकरी करने के सिवाए कुछ भी नहीं कर रहे हंै। जब तक अजमेर के राजनेता ईमानदारी के साथ काम नहीं करेंगे, तब तक अजमेर का स्मार्ट बनना मुश्किल है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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