Thursday 5 March 2015

भास्कर ने कर दी भदेल की ख्वाहिश पूरी

भास्कर ने कर दी भदेल की ख्वाहिश पूरी
गत 26 जनवरी को पटेल मैदान पर जब स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवानी ने सरकारी समारोह में ध्वजारोहण किया तब से ही महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल की भी ख्वाहिश थी कि वे भी देवनानी की तरह पटेल मैदान पर ध्वजारोहण करे। लेकिन भदेल आगामी 15 अगस्त तक रूकने को तैयार नहीं थी। इसलिए 26 जनवरी के बाद ही किसी ऐसे समारोह में भाग लेने को उतावली रही जो पटेल मैदान पर हो। भदेल की इस ख्वाहिश को 4 मार्च को दैनिक भास्कर ने पूरा कर दिया। भास्कर ने अपने बेटी बचाओ अभियान का समारोह पटेल मैदान पर आयोजित किया और समारोह में मुख्य अतिथि भदेल को बनाया। बस फिर क्या था भदेल ध्वजारोहण वाले मंच पर खड़ी हुई और समारोह को संबोधित कर दिया भले ही मंच से ध्वजारोहण न किया हो लेकिन बेटी बचाने पर उसी स्थान से भाषण दिया जहां देवनानी ने परेड की सलामी ली थी। भदेल किसी भी तरह देवनानी से पीछे नहीं रहना चाहती है। भदेल ने होली के मौके पर देवनानी को सूचना भिजवा दी है कि अभी तो मैंने सिर्फ भाषण देकर ख्वाहिश पूरी कर ली है लेकिन आगामी 15 अगस्त को पटेल मैदान पर मैं ही ध्वजारोहण करूंगी।

अपने-अपने जिला प्रमुख
अजमेर के सांसद और केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट ने होली के मौके पर अजमेर की जिला कलेक्टर डॉ. आरूषि मलिक को सूचना दी है कि उनका जिला प्रमुख टीकमचंद चौधरी ही है। जिला परिषद में सदस्यों ने भले ही चौधरी को उपजिला प्रमुख चुना हो लेकिन उन्हें अपना जिला प्रमुख नियुक्त करने का संवैधानिक अधिकार है। चौधरी को ही जिला प्रमुख मानते हुए सरकारी कामकाज निपटाएं जाए। जाट की इस सूचना की जानकारी जैसे ही स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को मिली तो उन्होंने तत्काल कलेक्टर से सम्पर्क साधा और याद दिलाया कि जिला निर्वाचन अधिकारी की हैसियत से आपने ही मोदी समर्थक वंदना नोगिया को जिला प्रमुख घोषित किया है। ऐसे में वंदना को ही जिला प्रमुख माना जाए। कलेक्टर मलिक दोनों नेताओं के जिला प्रमुखों के बीच तालमेल बैठाती इससे पहले ही जिला परिषद में वंदना और चौधरी के बीच जंग शुरू हो गई। जिला परिषद के अतिथि कक्ष को टीकमचंद चौधरी अपना कक्ष बनाना चाहते है जबकि वंदना नोगिया किसी भी स्थिति में चौधरी को अतिथि कक्ष में बैठाने के पक्ष में नहीं है। इसलिए वे अपना ताला ठोक देती है। इस विवाद में कलेक्टर मलिक का झुकाव जाट के समर्थक चौधरी के पक्ष में है। एक मार्च को जाट ने अजमेर के सांसद की हैसियत से जिला परिषद में सांसद सुविधा केन्द्र का उद्घाटन किया लेकिन इस अवसर पर जिला प्रमुख  वंदना नोगिया को बुलाया तक नहीं। जाट ने जिला परिषद में बैठकर प्रशासन को यह संकेत दे दिए कि उनका जिला प्रमुख तो चौधरी ही है। इधर देवनानी ने वंदना नोगिया को सूचना भिजवाई है कि होली के मौके पर सांवरलाल जाट के किसी भी कृत्य का बुरा नहीं माना जाए। जिला प्रमुख बनने के बाद आपकी यह पहली होली है इसलिए आप रंगों के समुद्रों में डूबकर उत्साह के साथ होली का पर्व मनाए।

बाकोलिया ने दी पायलट को सलाह
अजमेर के मेयर कमल बाकोलिया ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को सलाह दी है कि वे उन पुलिस कर्मियों के निलम्बन की मांग नहीं करे जिन्होंने गत 3 मार्च को विधानसभा के बाहर आपको डण्डों से पीटा है। बाकोलिया ने कहा कि राजनीति में पुलिस के डण्डे खाने के बाद ही नेता बनता है। आपका (पायलट) राजनीतिक जीवन में यह पहला अवसर रहा जब किसी आंदोलन के दौरान पुलिस के डण्डे खाने पड़े। इससे पहले तक तो आपने हमेशा सत्ता का स्वाद ही चखा है। दो बार सांसद रहते हुए आप केन्द्र में मंत्री रहे। तब पुलिस वाले आपकी चाकरी में रहते थे। तब आपके लिए यही कहा जाता था कि आप हवाई नेता है। यानि हवाई जहाज चलाने वाले। लेकिन पुलिस के डण्डे खाने के बाद अब आप सही मायने में नेता की श्रेणी में आ रहे है। आने वाले दिनों में जब कांग्रेस की राजनीति का इतिहास लिखा जाएगा तब हम जैसे समर्थक गर्व से कहेंगे कि हमारे नेता पायलट साहब ने भी 3 मार्च 2015 को विधानसभा के बाहर लाठियां खाई थी। मेयर बाकोलिया ने सुझाव दिया कि जिन पुलिस वाले की वजह से हमें गौरवान्वित होने का अवसर मिल रहा है उन्हें तो पुरस्कार दिया जाना चाहिए। बाकोलिया के इस सुझाव पर गुस्साए पायलट ने कहा कि इतनी महत्वपूर्ण सलाह लाठीचार्ज होने से पहले क्यों नहीं दी। पायलट ने कहा कि मेयर साहब आपने अपने साढ़े चार वर्ष के इतिहास में पहली बार मुझे राजनैतिक सोच वाली सलाह दी है। यह बात अलग है कि यह सलाह होली के मौके पर दी गई है। बाकोलिया ने भी अपने दांत दिखाते हुए कहा कि साहब होली के कारण ही तो ऐसी सलाह देने की हिम्मत कर पा रहा हूँ।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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