Sunday 8 March 2015

पुलिस की होली में कलेक्टर भी नाची

पुलिस की होली में कलेक्टर भी नाची
अजमेर में जिला और पुलिस प्रशासन में कितना अच्छा तालमेल है इसका पता 7 मार्च को पुलिस के होली समारोह में देखने को मिला। प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी धुलण्डी के अगले दिन अजमेर के पुलिस लाइन में एसपी से लेकर अर्दली रैंक ने होली का पर्व मनाया। इस जश्न में पुलिस के किसी भी जवान ने एसपी को सेल्यूट नहीं मारा बल्कि सेल्यूट वाले हाथों से एसपी के गालों पर गुलाल लगाई। एसपी महेन्द्र चौधरी ने भी सभी जवानों और अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ जमकर ठुमके लगाए। एसपी को कंधों पर उठाकर जवानों ने नाच गाना भी किया, लेकिन पुलिस की यह होली उस समय रंगों में डूब गई जब जिला कलेक्टर डॉ. आरूषी मलिक ने भी महिला पुलिस अधिकारियों के साथ नाच किया। कलेक्टर को नाचता देख पुलिस के जवान और अधिकारी भी लगातार झूमते रहे। कलेक्टर ने पुलिस लाइन पहुंचकर जिस प्रकार पुलिस के जवानों की हौंसला अफजाई की उसकी पूरे पुलिस महकमे में प्रशंसा हो रही है। आमतौर पर पुलिसिया होली में जिला प्रशासन के अधिकारी दूर ही रहते हैं लेकिन 7 मार्च को कलेक्टर के साथ एडीएम सिटी हरफूल सिंह यादव सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कलेक्टर की उपस्थिति से पुलिस महकमा खुश हुआ लेकिन 7 मार्च को जिस तरह शहर के थानों और पुलिस चौकियों का हाल रहा वो उचित नहीं था। यह माना कि होली के पर्व पर कई दिनों तक पुलिस वाले कठिन ड्यूटी देते है इसीलिए अगले दिन जोरदार पर्व मनाते हैं लेकिन पुलिस से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपना जश्न भी शालीनता और मर्यादा के साथ मनाए क्योंकि कानून की हिफाजत करने का काम भी पुलिस का ही होता है। होली के जश्न में थानों और चौकियों पर दिनभर डीजे पर अश्लील फिल्मी गानों की आवाज गूंजती रही। थाना अधिकारियों के नेतृत्व में जवानों ने जिस तरह अश्लील गानों पर डांस किए उसे उचित नहीं कहा जा सकता। वैसे तो थाने के अंदर डीजे भी नहीं लगने चाहिए। पुलिसिया होली की परम्परा पुरानी है। क्या बदलते सामाजिक परिवेश में इस परम्परा में सुधार नहीं किया जा सकता? होली के जश्न के दिन जिस प्रकार शहर की ट्रेफिक व्यवस्था व पुलिस थानों का हाल हो जाता है उस पर पुलिस के आला अधिकारियों को भी विचार करना चाहिए। जब होली से पहले पुलिस हुड़दंगियों पर लगाम लगाती है तो यह कानून पुलिस के जवानों पर भी लागू होता है। आखिर पुलिस के जवान भी तो इसी समाज के अंग है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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