Monday 25 May 2015

क्या अनंता रिसोर्ट की जांच करवाएंगी सीएम राजे

राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे 29 मई को पुष्कर तीर्थ नगरी में आ रही हैं। सीएम की यह यात्रा तब हो रही है, जब पवित्र पुष्कर सरोवर   एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहा है। सरोवर में मात्र 4 फीट पानी शेष रह गया है और भीषण गर्मी को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पानी और कम हो जाएगा। श्रद्धालुओं के स्नान और पूजा अर्चना के लिए सरोवर के किनारे कुंड बनाए गए हंै, जिनमें ट्यूबवेल के जरिए पानी डाला जा रहा है। सरोवर के फीडर की सफाई का काम भी पुष्कर के नागरिक पिछले कई दिनों से कर रहे हंै। पुष्कर के तीर्थ पुरोहित और आम लोग भी चाहते है कि बरसात के दिनों में विभिन्न फीडरों के जरिए अधिक से अधिक मात्रा में पानी सरोवर में आ जाए। निकटवर्ती लीलासेवड़ी वाले फीडर के मार्ग पर अनंता रिसोर्ट नाम का एक थ्री स्टार होटल बना हुआ है। जब इस रिसोर्ट का निर्माण हो रहा था, तब भी विरोध किया गया, लेकिन रिसोर्ट का मालिक बालमुकुन्द गोयल इतना प्रभावशाली है कि निर्माण कार्य नहीं रूका और अब तो इस रिसोर्ट में बड़े-बड़े नेता, मंत्री, अधिकारी, मजिस्ट्रेट आदि के रिश्तेदारों के विवाह भी होने लगे हैं। जो लोग रिसोर्ट में अपने समारोह कर रहे हैं वे लोग भी रिसोर्ट के मालिक को बचाने में लगे हुए है। पुष्कर नगर पालिका ने जिन शर्तो पर रिसोर्ट निर्माण की अनुमति दी उन शर्तो का भी पालन नहीं किया गया है। पूरे पुष्कर को पता है कि अनंता रिसोर्ट पहाड़ी के नीचे उस मार्ग पर बना हुआ है, जिसमें बरसात का पानी सरोवर में आता है। यदि रिसोर्ट की जमीन की खरीद फरोख्त की जांच ईमानदारी से की जाए तो पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के अधिकारियों को जेल जाना पड़ सकता है। पुष्कर के पुराने नक्शें में इस जमीन को पानी की आवक वाला क्षेत्र माना गया है और आज भी दो बरसाती नाले अंकित है, लेकिन बालमुकुन्द गोयल ने अपने रसुकातों से बरसाती नालों पर ही रिसोर्ट बना लिया। अब जब सीएम राजे 29 मई को पुष्कर आ रही है, तो यह सवाल एक बार फिर उठा है कि क्या सीएम राजे अनंता रिसोर्ट की जांच करवाएंगी? यदि सीएम पूरी ईमानदारी के साथ रिसोर्ट की जांच करवाएं तो प्रदेश के अनेक प्रभावशाली व्यक्तियों के चेहरे पर से नकाब उतर जाएगा। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि शर्तो का पालन नहीं करने पर पुष्कर नगरपालिका के अधिकारी रिसोर्ट के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं। साथ ही रिसोर्ट की जमीन की खरीद की भी जांच होनी चाहिए। जांच होने पर वन विभाग के अफसर भी जेल जाएंगे, क्योंकि रिसोर्ट का कुछ हिस्सा वन भूमि पर भी बना हुआ है। निर्माण के समय अधिकारी आंखें मूंदे बैठे रहे। पूर्व में जितनी भी जांच हुई, उन सब पर बालमुकुन्द गोयल ने चांदी का जूता रखवा दिया था। नेताओं, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों आदि को चांदी के जूतों में बहुत मजा आता है। राजस्थान में राज चाहे कांग्रेस का हो अथवा भाजपा का। अनंता रिसोर्ट के मालिक की हर राज में धड़ल्ले से चलती है। जो प्रभावशाली लोग रिसोर्ट में ऐशोआराम करते हंै, आज वे ही रिसोर्ट को संरक्षण देने में लगे हुए हैं। रिसोर्ट के मालिक गोयल का कितना प्रभाव है, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि रिसोर्ट के निर्माण को पुष्कर सरोवर के बरसाती पानी की आवक में बाधक मानकर एक जनहित याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई थी, लेकिन गले में फंदा फंसने के बाद रिसोर्ट के मालिक ने उस जनहित याचिका को ही हाईकोर्ट से वापस करवा दिया। जिन लोगों ने जनहित याचिका दायर की थी, वे लोग आज तक यह बताने की स्थिति में नहीं है कि आखिर किन परिस्थितियों में याचिका को वापस लिया गया। यह याचिका पुष्कर सरोवर के साथ-साथ अजमेर की आनासागर, फॉयसागर झील और पालबीसला तालाब के संरक्षण के लिए दायर की गई थी। आज भी इन चारों जलाशयों का बुरा हाल है।
एस.पी.मित्तल (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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