Thursday 28 May 2015

हाथी के दांत खाने के अलग और दिखाने के अलग : ऐसा ही है राष्ट्रपति मुखर्जी का कथन

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपनी स्विटजरलैंड यात्रा से पहले स्वीडिस अखबार को एक इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में मुखर्जी ने कहा कि 1989 में बोफोर्स तोप की खरीद पर मीडिया में घोटाले और कमीशनखोरी की जो खबरें छपी वे झूठी थीं। उस समय वे स्वयं भारत के रक्षामंत्री थे और दावे के साथ कह सकते हंै कि तब मीडिया ट्रायल हो रहा था। मुखर्जी का यह इंटरव्यू दो दिन पहले जब स्वीडस अखबार में छपा तो राष्ट्रपति भवन की ओर से एतराज जता दिया गया। मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने ऑफ द रिकॉर्उ जो बातें कही उन्हें भी अखबार में छापा गया है। मुखर्जी ने यह नहीं कहा कि उन्होंने छपी हुई बात कही ही नहीं, लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड कहा। 'अरे भई मुखर्जी कोई मुलायम सिंह यादव व लालू प्रसाद सरीखे नेता तो है नहीं जो टीवी पर कहने के बाद भी मुकर जाए। मुखर्जी भारत के राष्ट्रपति हंै। क्या किसी राष्ट्रपति को विदेशी अखबार के सामने भी ऑफ द रिकॉर्ड बात करनी चाहिए? यानि हाथी के दांत खाने के अलग और दिखाने के अलग। असल में अखबार में जो कुछ छपा है, उसे राष्ट्रपति ने कहा है। यह सही भी है कि रक्षामंत्री के पद पर रहते हुए प्रणव मुखर्जी किसी घोटाले और कमीशनखोरी के आरोप को सही कैसे मान लेते? अच्छा होगा कि भविष्य में प्रणव मुखर्जी सोच समझकर इंटरव्यू दें।
एस.पी.मित्तल (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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