Monday 4 May 2015

क्या पीएम मोदी अब भी मुसलमान विरोधी हैं

खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा की भारतीय विंग के प्रमुख आसिम उमर का एक ऑडियो टेप जारी हुआ है। इस टेप में पीएम नरेन्द्र मोदी को मुसलमानों का दुश्मन बताया गया है। टेप में मोदी को धमकी भी दी गई है। इस टेप के साथ ही यह सवाल उठता है कि क्या अब भी पीएम मोदी मुसलमानों के दुश्मन हैं? जिन मोदी ने पूरी ताकत लगाकर कश्मीर में पीडीपी की सरकार बनवा दी। जिस पीडीपी की सरकार के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद ने खुलेआम आतंकवादियों का समर्थन किया। सीएम सईद के संरक्षण में ही कश्मीर में अलगाववादियों ने खुलेआम दुश्मन देश पाकिस्तान के झंडे लहराए और भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले हाफिज मोहम्मद सईद के समर्थन में नारे लगाए। इतना ही नहीं पीएम मोदी के राज में मसरत आलम जैसे अलगाववादियों ने कहा कि हम कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहते हैं। एक तरफ मोदी जी के राज में कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के प्रयास हो रहे हैं, तो दूसरी ओर कश्मीर से पीट-पीट कर भगाए गए हिन्दू परिवार दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। मोदी की लाख कोशिश के बाद भी हिन्दू परिवारों को पुन: कश्मीर में बसाने की सफलता नहीं मिल रही है। मुफ्ती मोहम्मद सईद की जो सरकार मोदी की पार्टी भाजपा के समर्थन से टिकी हुई है, उसने भी साफ कह दिया है कि हिन्दू परिवारों के लिए अलग से जमीन का आवंटन नहीं किया जाएगा और यदि हिन्दू परिवार कश्मीर में अपने पुराने घरों में जाते हैं तो अलगाववादी पीट-पीट कर फिर से भगा देंगे। पहले भी हिन्दू परिवारों की महिलाओं के साथ बलात्कार और पुरुष सदस्यों की गोली मारकर हत्या की घटनाओं के बाद ही हिन्दू परिवार भाग कर आए थे।
भारत की राजनीति में कश्मीर का तो यह पक्ष है। कश्मीर से बाहर पीएम नरेन्द्र मोदी स्वयं मुसलमानों का सहयोगी बनने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस के शासन में भारत सरकार में जितने भी मुस्लिम अधिकारी थे, उनमें से एक को भी मोदी ने नहीं हटाया और बार-बार कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा किसी भी सीमा तक जाकर की जाएगी। इतना ही नहीं मोदी के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तो एक समारोह में कहा कि मैं भगवान की सौंगध खाकर कहता हंू कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार नहीं होने दूंगा। जब कभी किसी साधु-संत ने धर्म की व्याख्या करते हुए हिन्दू धर्म के बारे में कुछ कहा तो मोदी ने उस पर भी ऐतराज किया। गत वर्ष उत्तर प्रदेश में जब विश्व हिन्दू परिषद ने घर वापसी का अभियान चलाया, तो उत्तर प्रदेश सहित देशभर में बवला मच गया। धर्म निरपेक्षता के ठेकेदारों ने इसके लिए पीएम मोदी को ही जिम्मेदार ठहराया। मोदी पर इतना दबाव पड़ा कि घर वापसी के अभियान को बंद करना पड़ा। अभी दो मई को आगरा में करीब 100 हिन्दू वापस मुसलमान बन गए, लेकिन इस पर कोई बवेला नहीं हुआ, क्योंकि इस समय देश में नरेन्द्र मोदी का राज है। पीएम बनने के बाद मोदी ने बार-बार कहा है कि वे सबका साथ, सबका विकास का नारा लेकर चले रहे हैं और इसमें देश के मुसलमान भी शामिल हैं। गुजरात का पतंग उद्योग हो या मुरादाबाद का पीतल। सभी में मोदी ने मुसलमान श्रमिकों की प्रशंसा खुले दिल से की है। उल्टे अयोध्या में राममंदिर बनवाने, कश्मीर से धारा 370 हटाने और देश में समान आचार संहिता लागू करने जैसे मुद्दों को पीछे ढकेल दिया गया है। इससे बहुसंख्यक वर्ग को लगता है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है। गुजरात का सीएम रहते हुए मोदी ने एक समारोह में भले ही एक मौलवी के हाथों टोपी न पहनी हो, लेकिन पीएम बनने के बाद सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पवित्र मजार पर उर्स के दौरान धूमधाम से अपनी ओर से चादर पेश करवाई है।
इतना सब कुछ होने के बाद भी अलकायदा यदि पीएम मोदी को मुसलमानों का दुश्मन मानता है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि एक साजिश के तहत मोदी को बदनाम किया जा रहा है। सरकार चलाने को लेकर मोदी की सौ आलोचनाएं हो सकती हंै, लेकिन मोदी अपने शासन में मुसलमानों पर कोई अत्याचार कर रहे हैं, यह सच नहीं हो सकता। पश्चिम बंगाल के मुसलमानों को लेकर सीएम ममता बनर्जी खुलेआम मोदी को चुनौती दे रही हैं, देश के ऐसे कई प्रांत है, जिनमें बांग्लादेशियों की बहुत बड़ी समस्या है। इसे मोदी की राजनीतिक लाचारी ही कहा जाएगा कि अब मोदी और भाजपा नेताओं की जुबान बांग्लादेशी नागरिकों पर भी बंद हो गई है। अलकायदा ने जो ताजा धमकी दी है, उसे इसलिए गंभीरता से लिया जाना चाहिए कि यह देश की एकता और अखंडता पर खतरा है। इसके लिए देशभर के मुसलमानों को भी आगे आना चाहिए, जब हम भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहते हैं तो उन तत्वों का मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए, जो भारत का एक बार फिर विभाजन करना चाहते है, जो लोग नरेन्द्र मोदी को मुसलमानों का दुश्मन मानते है, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि किन मुद्दों पर नरेन्द्र मोदी ने मुसलामनों के प्रति अपनी दुश्मनी दिखाई है। जहां तक गुजरात के दंगों का सवाल है, तो उसमें हमें देश की न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना ही होगा। धर्म निरपेक्षता के ठेकेदार यह अच्छी तरह समझ ले कि मुस्लिम राष्ट्रों के हालात बद से बदत्तर होते जा रहे हंै। अलकायदा के साथ आईएस जैसे संगठन मजबूत स्थिति में खड़े हो गए हैं और वे गैर मुस्लिम लोगों की हत्याएं ही नहीं कर रहे, बल्कि महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार भी कर रहे हंै। सवाल यह नहीं है कि नरेन्द्र मोदी मुसलमानों के दुश्मन हैं। सवाल यह है कि भारत के दुश्मन कौन हैं? यदि भारत में हमें अमन चैन के साथ रहना है तो उन दुश्मनों को बेनकाब करना होगा, जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं।
(एस.पी. मित्तल) (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment