Thursday 7 May 2015

आलू चिप्स पर न राहुल को और राजनाथ सिंह को जानकारी

7 मई को लोकसभा में राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में मेगा फूड पार्क का मामला उठाते हुए आलू से बनने वाले चिप्स का रोचक मुद्दा भी उठा दिया। राहुल ने कहा कि किसान जो आलू दो रुपए किलो के भाव बेचता है, उसमें से एक आलू के चिप्स बना कर 10 रुपए में पैकेट बेचा जाता है। राहुल इस जादू को भाजपा सरकार की सरकार से समझना चाहते थे। राहुल के सवाल का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चिप्स पर राहुल को पूरी जानकारी नहीं है। चिप्स का पैकेट 10 रुपए में नहीं बल्कि 70-75 रुपए में बिकता है। असल में चिप्स पर न राहुल को और न राजनाथ सिंह को जानकारी है। शायद इन दोनों ने कभी चिप्स का पैकेट खरीदा भी नहीं होगा। जो आम व्यक्ति अपने बच्चे की जिद की वजह से चिप्स का पैकेट खरीदता है, उसे पता है कि जो आलू दो रुपए किलो में खरीदा जाता है, उसे बहुराष्ट्रीय कंपनियां चिप्स बनाकर चार सौ से छह सौ रुपए किलो में बेचती हैं। जिस तरह से टीवी चैनलों पर चिप्स के विज्ञापन आते हैं, उसमें चिप्स बनाने वाली कंपनियां माला माल हो रही हैं। बड़ी हास्यास्पद बात है कि इस जादू के बारे राहुल गांधी, नरेन्द्र मोदी की सरकार से पूछ रहे हैं, जबकि वे तो इस जादू के जादूगर रहे हैं। जहां तक मोदी का सवाल है तो उनकी जादूगरी तो और भी कमाल की है। मोदी सरकार तो कांग्रेस से भी ज्यादा विदेशी कंपनियों की मददगार है। वाकई यह भारत के किसान का दुर्भाग्य है कि आलू दो रुपए और चिप्स पांच सौ रुपए किलो बिकता है। किसी भी सरकार में इतनी हिम्मत नहीं की कि वह चिप्स बनाने वाली कंपनियों से भाव के बारे में जानकारी ले। सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा की। दोनों में ही उपभोक्ता का लूटना तय है। जो लोग मोदी सरकार के हिमायती हैं, वे बताएं कि विदेशी कंपनियां अब भी कितने महंगे चिप्स क्यों बेच रही हैं? 44 सीटें हासिल कर कांग्रेस ने तो अपने कर्मों की सजा भुगत ली है। क्या 283 सीटें प्राप्त कर भाजपा भी घमंड से चूर हो गई है? क्या किसान के लिए ऐसी सुविधा नहीं जुटाई जा सकती, जिसमें वह स्वयं चिप्स बनाकर बेचे। इससे किसान और उपभोक्ता दोनों का फायदा है। पर ऐसा कोई नहीं करेगा, क्यांकि सरकारों को तो विदेशी कंपनियों ने खरीद रखा है।
(एस.पी. मित्तल) (spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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