Wednesday 20 May 2015

टाइम देने के बाद भी अजमेर की जिला प्रमुख वंदना से नहीं मिली सीएम राजे तो कार्यकर्ताओं से क्या मिलेंगी

मिलने का समय निर्धारित होने के बाद भी 20 मई को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अजमेर की जिला प्रमुख कुमारी वंदना नोगिया से नहीं मिली। जबकि 20 मई को ही जयपुर में भाजपा मुख्यालय पर आयोजित प्रदेश पदाधिकारियों की एक बैठक में राजे ने कहा कि सभी विधायक और मंत्री सप्ताह में दो दिन अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जनसुनवाई करें, ऐसा ही जनसम्पर्क भाजपा के पदाधिकारी भी करें। राजे ने कहा कि वह स्वयं भी विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और भाजपा के आम कार्यकर्ता से मिलेंगी। राजे ने बैठक में जब यह बात कही, तब पदाधिकारियों ने आश्चर्य व्यक्त किया। क्योंकि राजे इतनी सरलता से कार्यकर्ता से मिले तो प्रदेश की अनेक समस्याओं का समाधान स्वत: ही हो जाए।
असल समस्या तो यही है कि सीएम राजे विधायकों, सांसदों, मंत्रियों तक से नहीं मिलती है। बेचारे कार्यकर्ता की तो बिसात ही क्या है। इसका ताजा उदाहरण 20 मई का ही है। अजमेर की युवा जिला प्रमुख कुमारी वंदना नोगिया ने दो दिन पहले सीएम सचिवालय के माध्यम से मुलाकात का समय मांगा। सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी ने नोगिया को सूचित कर दिया कि सीएम राजे 20 मई को दोपहर 12 बजे जयपुर स्थित भाजपा के कार्यालय में मिलेंगी। समय निर्धारित होते ही नोगिया ने सीएम से मिलने की तैयारियां शुरू की। अपने तीन माह के कार्यकाल की रिपोर्ट और गत दिनों हुए जिला परिषद की साधारण सभा का विवरण आदि भी तैयार कर लिया गया। सीएम से मिलने की खुशी में नोगिया 19 मई को बहुचर्चित डांगावास हत्याकांड में जख्मी हुई, दलित परिवारों की महिलाओं से मिलने के लिए अजमेर के अस्पताल पहुंच गई। अस्पताल में नोगिया ने मीडिया से कहा कि वह 20 मई को सीएम राजे से मुलाकात करेंगी तो पीडि़त महिलाओं की भावनाओं से भी अवगत करवाएंगी। कुमारी नोगिया 20 मई को सुबह ही सरकारी गाड़ी से अपने पिता किरण नोगिया और निजी सहायक दिनेश यादव के साथ रवाना हो गई। सीएम से मिलने की खुशी में नोगिया प्रात: 11 बजे ही भाजपा कार्यालय पहुंच गई और 12 बजने का इंतजार करती रहीं। जब 12 के बाद एक भी बज गया तो नोगिया को चिंता होने लगी, लेकिन भाजपा कार्यालय में उपस्थित बड़े बड़े मंत्रियों, नेताओं, सांसदों, विधायकों आदि तक की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह सीएम राजे को फोन कर आने के बारे में जानकारी लेते। बेचारी वंदना नोगिया के पास भी सिर्फ इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। नोगिया यह आस लगाए बैठी थी कि सीएम राजे पांच मिनट तो अकेले में उनसे मिल लेंगी, लेकिन नोगिया ने भाजपा मुख्यालय का जो माहौल देखा तो उससे आभास हो गया कि एक महिला जिला प्रमुख का सीएम राजे से मुलाकात करना कोई आसान काम नहीं है। सीएम राजे कोई 2:30 बजे भाजपा मुख्यालय आई और पदाधिकारियों की बैठक में प्रवचन देने लगी। राजे ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और भाजपा के कार्यकर्ताओं का आम लोगों से जुडऩा चाहिए। इसके लिए राजे ने टाइम टेबल भी घोषित कर दिया। लेकिन अजमेर की जिला प्रमुख वंदना नोगिया की यह समझ में नहीं आया कि सीएम राजे भाजपा कार्यकर्ताओं से कैसे मिलेंगी। जबकि समय निर्धारित होने के बाद भी उनका स्वयं का मिलना संभव नहीं हुआ। नोगिया जिस उत्साह के साथ अजमेर से जयपुर पहुंची थी, उतनी ही निराशा के साथ लौट आई। खुद के तीन माह के कार्यकाल और डांगावास हत्याकांड की रिपोर्ट भी धरी रह गई।
मालूम हो कि मात्र 23 वर्ष की उम्र में ही वंदना नोगिया अजमेर की जिला प्रमुख बन गई। नोगिया जिला प्रमुख के तौर पर बहुत कुछ करना चाहती हैं, लेकिन राजनीतिक घनचक्कर में शायद करना मुश्किल होगा। गत सप्ताह ही जिला परिषद के एसीओ जगदीशचंद हेड़ा ने नोगिया के सरकारी वाहन से सरेआम लाल बत्ती उतरवा कर अपमानित किया। नोगिया का यह सपना था कि जब सीएम अकेले में मिलेंगी तब एसीओ हेड़ा की बदतमीजी के बारे में भी बता देंगी। लेकिन अब तो एसीओ हेड़ा ही खुश है कि नोगिया को सीएम ने लिफ्ट ही नही ंदी। यहां यह बात खासतौर से उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही अजमेर के एक भाजपा नेता को सीएम राजे से मुलाकात करने के लिए कोलकाता एयरपोर्ट पर जाना पड़ा। अजमेर नगर निगम का मेयर बनने की दौड़ में शामिल यह नेता राजे के कोलकाता पहुंचने से पहले ही एयरपोर्ट पर जाकर बैठ गया। राजे हवाई जहाज से उतरकर जैसे ही लॉबी में आई यह नेता भी पीछे पीछे चला और अपने वजूद के लिए अपनी शक्ल दिखाई। राजे ने पूछा भी कि आप कोलकाता कैसे आए हैं। नेता ने कहा कि मैंडम आप के दर्शन करने आया हंू। इस दर्शन के बाद भाजपा का यह नेता एयरपोर्ट से ही वापस आ गया। यानि सत्ता की मलाई खाने वाले नेता सीएम राजे को सिर्फ अपनी शक्ल दिखाने के लिए अजमेर से कोलकाता तक जाते हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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