Tuesday 19 May 2015

मोदी जी पेट्रोल और गैस में कौनसी लकीर खींची जा रही है पीएम


नरेन्द्र मोदी ने हाल ही की अपनी चीन, मंगोलिया और दक्षिण कोरिया की विदेश यात्रा  में कहा कि वे मक्खन पर लकीर नहीं खींचते बल्कि पत्थर पर लकीर बनाते हैं। यानी मोदी कठिन-कठिन काम करने के आदि हैं। मक्खन के बजाए पत्थर पर लकीर के बजान पर ही यह सवाल उठता है कि आखिर नरेन्द्र मोदी पेट्रोल और रसोई गैस सिलेंडर के मूल्यों पर कौन सी लकीर खींच रहे हैं। एक वर्ष पहले जब मोदी ने देश के पीएम का पद संभाला था, तब अंतर्राष्ट्ररीय बाजार में कच्चे तेल 105 डॉलर प्रति बैरल था और उस समय देश में पेट्रोल  करीब 75 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था और आज कच्चा तेल 68 डॉलर में एक बैरल खरीदा जा रहा है, तब देश में पेट्रोल करीब 73 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने बार-बार कहा कि अच्छे दिन आने वाले हैं। क्या यही अच्छे दिन हैं, जब 68 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल होने के बाद भी देश में 73 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल बिक रहा है। माना कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार भ्रष्ट, बेइमान, लुटेरी, धोखेबाज, दगाबाज, जनविरोधी सभी फरेब वाली थी, लेकिन उसके बावजूद भी 105 डॉलर में एक बैरल कच्चा तेल खरीद कर देश में 76 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल बेच रही थी। भले ही उसमें सब्सिडी भी शामिल हो। यदि कच्चा तेल कांग्रेस शासन की तरह 105  डॉलर में एक बैरल मिलने लगेगा तो फिर मोदी जी के राज में पेट्रोल के दाम का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही हाल कमोबेश रसोई गैस सिलेंडर के मूल्य का भी हैं। कांग्रेस के शासन में सिलेंडर 390 रुपए में मिल रहा था, लेकिन आज यही सिलेंडर 422 रुपए में मिल रहा है। गैस बॉय आम उपभोक्ता से 602 रुपए लेता है। और फिर उपभोक्ता के खाते में 180 रुपए की सब्सिडी आती है। यानी उपभोक्ता ने एक सिलेंडर के 422 रुपए चुकाए हैं। यह बात अलग है कि गैस बॉय हर उपभोक्ता से 602 रुपए के बजाए 610 रुपए वसूलता है। मोदी जी यह बता सकते हैं कि क्या अच्छे दिनों में ही उपभोक्ता को 422 रुपए का सिलेंडर खरीदना पड़ेगा। कांग्रेस के शासन में तो सिलेंडर की मूल्यवृद्धि की बकायदा घोषणा भी होती थी, लेकिन अब कब सिलेडर के दाम बढ़ जाए , इसकी जानकारी उपभोक्ता को नहीं होती है। उपभोक्ता से तो पहले ही बाजार दर के हिसाब से राशि वसूल ली जाती है। उपभोक्ता के खाते में बतौर सब्सिडी की राशि कितनी डाली जाएगी, इसका फैसला तेल कंपनियां करती है। पीएम मोदी आप लोगों से तो 180 रुपए की सब्सिडी भी छोडऩे की बात कर रहे है। अच्छा हो कि मोदी पहले अपनी पार्टी के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं पदाधिकारियों से सब्सिडी छोडऩे की घोषणा करवाएं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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