Sunday 14 June 2015

क्या लखावत से नाराज है भाजपा विधायक सुरेश रावत और पुष्कर पालिकाध्यक्ष कमल पाठक

सीएम वसुंधरा राजे के 13 जून के बूढ़ा पुष्कर के सफल कार्यक्रम का श्रेय पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेशसिंह रावत और पालिकाध्यक्ष कमल पाठक ने खुद ले लिया है। जबकि यह कार्यक्रम पूरी तरह राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रन्नोति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकारसिंह लखावत द्वारा आयोजित था। इसके लिए सीएम राजे ने कार्यक्रम में लखावत की प्रशंसा की थी। लेकिन कार्यक्रम के बाद 14 जून को दैनिक समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित करवा कर सफल कार्यक्रम का श्रेय खुद ही रावत और पाठक ने ले लिया। विज्ञापनों में भाजपा के पदाधिकारियों तक के फोटो हैं, लेकिन औंकारसिंह लखावत का फोटो नहीं है। हालांकि सीएम की प्रशंसा के बाद लखावत को विज्ञापन में फोटो की आवश्यकता नहीं है, लेकिन फोटो न लगाकर रावत और पाठक ने लखावत से अपनी नाराजगी सार्वजनिक कर दी है। यह बात अलग है कि अपने कार्यक्रम में लखावत ने रावत और पाठक को पूरा सम्मान दिलवाया। सीएम के कार्यक्रम का लखावत के प्राधिकरण ने जो निमंत्रण पत्र छपवाया उसमें भाजपा विधायक रावत और पालिकाध्यक्ष पाठक की उपस्थिति सम्मानित अतिथिगण के रूप में थी, लेकिन रावत ने अपने विज्ञापन में स्वयं की उपस्थिति समारोह के अध्यक्ष की बता दी। हालांकि विज्ञापन का पैसा देकर रावत-पाठक की जोड़ी कुछ भी छपवा सकती है, लेकिन विधायक और पालिकाध्यक्ष में इतनी तो समझ होनी ही चाहिए कि जब सीएम के समारोह में केन्द्रीय मंत्री सांवरलाल जाट भी उपस्थित है तो फिर एक विधायक को सीएम के समारोह का अध्यक्ष कैसे बनाया जा सकता है? मजे की बात यह है कि विज्ञापन में लखावत, जाट आदि को समारोह का विशिष्ट अतिथि बना दिया गया जबकि पूरा कार्यक्रम ही लखावत के प्राधिकरण ने आयोजित किया था। यह तो अच्छा हुआ कि सीएम पूजा-अर्चना के लिए पवित्र पुष्कर सरोवर के घाट पर नहीं गई। घाट पर आती तो पुष्कर की दुर्गति की पोल खोल जाती।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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