Tuesday 2 June 2015

तो, मैं माफी मांगता हूं

मैने एक जून को भंवरलाल डोसी के संन्यास के आयोजन को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली थी। इस पर अहिंसा धर्म का पालन करने वाले कुछ लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। फेसबुक पर ऐसे-ऐसे तर्क दिए गए जो भगवान महावीर स्वामी और जैन धर्म की शिक्षाओं के विपरीत हंै। यहां तक कि आंख फोडऩे तक की धमकियां दी गई। मैं नहीं चाहता कि जैन समाज का कोई व्यक्ति अपने ही भगवान की शिक्षाओं के विपरीत कोई कार्य करें। वैसे भी जैन धर्म में क्षमा का खास महत्व है, इसलिए कोई गलती नहीं किए जाने के बाद भी जैन धर्म की शिक्षाओं के अनुरुप में अपनी 1 जून वाली पोस्ट के लिए माफी मांगता हूं। मैं यह उम्मीद करता हूूं कि इस खुली माफी के बाद बेवजह के तर्क देना बंद कर देंगे। मैं यह माफी इसलिए भी मांग  रहा हूं कि कुछ लोग इस मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि जिस समस्या की ओर मैंने ध्यान आकर्षित किया वह भी अपने मार्ग से भटक जाए। जहां तक मेरी पोस्ट का सवाल है, उसमें एक भी शब्द जैन धर्म के खिलाफ नहीं लिखा गया,बल्कि मैंने तो यह लिखा कि जैन धर्म की तपस्या का मार्ग बहुत कठिन है। उस मार्ग पर कुतर्क देने वाले लोग चल ही नहीं सकते। जहां तक मुझे और पत्रकारों को आईना दिखाने का सवाल है तो मैं ऐसे लोगों को खुली चुनौती देता हूं। यदि मेरे पत्रकारिता के जीवन में उनके पास एक भी विपरीत बात हो तो उसे उजागर कर दें। मेरा पूरा जीवन संघर्षपूर्ण और चुनौतियों से भरा है। मैं न तो किसी की धमकी से डरता हूं और न ही अपने विरुद्ध कुप्रचार से। मैंने यह माफी जैन धर्म की शिक्षा के अनुरुप ही मांगी है। जब जैन धर्म में कुछ लोग इन शिक्षाओं पर अमल नहीं कर रहे तो मुझे तो करना ही पड़ेगा। मुझे नहीं पता कि मेरी पोस्ट मुमुक्षु भव्य रत्न जी और उनके परिवार के किसी सदस्य ने पढ़ी या नहीं, लेकिन मेरी पोस्ट से मुमुक्षु भव्य रत्न जी को भी कोई ठेस पहुंची है तो मैं साफ मन से माफी मांगता हूं। मुझे भगवान श्रीकृष्ण के इस दर्शन पर भरोसा है कि जो जैसा करेगा वह वैसा ही भरेगा। कोई मनुष्य नहीं होता किसी को दण्ड देने वाला, दण्ड देने का काम ईश्वर का है। यदि मैंने कोई गलती की है तो कोई इंसान कितना भी ताकतवर हो मेरा बाल बांका नहीं कर सकता है,मुझे तो सिर्फ ईश्वर ही दण्ड दे सकता है और ईश्वर का दण्ड भुगतने के लिए हमेशा तैयार हूं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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