Thursday 18 June 2015

अजमेर के पटेल मैदान पर मुसलमान भी करेंगे योग!

कलेक्टर मलिक ने संभाला मोर्चा
पीएम नरेन्द्र मोदी की पहल पर अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को अजमेर के पटेल मैदान पर मुसलमान भी बड़ी संख्या में योग करेंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रतिनिधि और दरगाह तारागढ़ के सदर मोहसिन सुल्तानी ने बताया कि एक सच्चे भारतीय की तरह मुसलमान भी 21 जून को योग के कार्यक्रम में भाग लेंगे। सुल्तानी ने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थों की वजह से योग को मुस्लिम विरोधी मान रहे हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि मंच की ओर से 'योग और इस्लामÓ नामक पुस्तक जारी की गई है। इस पुस्तक के माध्यम से मुसलमानों को समझाया गया कि स्वस्थ रहने के लिए योग जरूरी है। इस पुस्तक का समर्थन पद्मश्री प्रो. अख्तर उल आसे, पद्मश्री प्रो. रेहाना खातून, प्रो. मोहम्मद एम. असलम, श्रीमती अमीना शेरवानी, प्रो. ख्वाजा इकराम, प्रो. इर्तजा करीम, प्रो. मोहम्मद हनीफ खान शास्री, डॉ. मारूफ उर्रहमान, डॉ. जाहिद अली खान, मौलाना सुहेब कासमी, मौलाना कोकब मुजतबा आब्दी, मौलाना नदीम, मौलाना अब्दुल रहीम, कारी मोहम्मद हारून, मुफ्ती मोहम्मद इब्राहीम, सरवर खान, लियाकत अली आदि ने भी किया है। इसी पुस्तक में मजलिसे उल्मा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद मुस्तफा आब्दी ने अपने संदेश में कहा है कि कुरआन मजीद में सूराए बकारा आयत नं. 247 में अल्लाह ने फरमाया: बेशक अल्लाह ने तुम पर उसको मुन्तखब किया है जिसको इल्म में व जिस्म में मुकम्मल पाया है। जो पूरी तरह कुव्वते जिस्मी रखता है ऐसे इंसान को अल्लाह पसन्द करता है। अगर कुव्वते जिस्मी अपनी मंजिले ऐतेदाल से हट जाए तो जिस्म के आजा की इस्लाह के लिए या तो वैद्य की जरूरत होती है या वरजिश की। जिस्म के आजाद की वरजिश को हिन्दी भाषा में योग कहते हैं। अल्लाह ने बीमारियों पर दीन के अरकान साकित कर दिए हैं। अल्लाह ने नमाज से लेकर जिहाद तक योगा तरीका हर रुक्न में रखा है। हद यह है कि नमाज से पहले वजू में जाहिरी व बातनी में योग के तरीके कायम रखकर साबित कर दिया। जिस तरह नमाज व वजू से ईमान को कुव्वत मिलती है इसी तरह इंसान के जिस्म से बीमारियों को दूर करके जिस्म को राहत मिलती है। पुस्तक में बताया गया कि योग गैर इस्लामिक नहीं है। योग को लेकर फैलाए जाने वाले भ्रमों में सबसे बड़ा भ्रम यह है कि ये हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ है और इसे करना शिरक है। योग किसी भी मजहब के लोग कर सकते हैं अगर उन्हें ओम से आपत्ति है। तो इसके स्थान पर अपनी मजहबी आस्था के अनुरूप कोई भी अन्य ईश्वरीय ध्वनि का प्रयोग भी कर सकते हैं।
कलेक्टर ने संभाला मोर्चा
21 जून को पटेल मैदान पर होने वाले योग कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला कलेक्टर आरूषि मलिक ने मोर्चा संभाल लिया है। कलेक्टर ने 18 जून को पटेल मैदान का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। इसके साथ ही कलेक्टर ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए कि 21 जून को सरकार के इस कार्यक्रम में सभी उपस्थित रहें। विभागाध्यों से कहा गया है कि वे कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने स्वयंसेवी संगठनों आदि से भी कहा है कि वे योग के इस कार्यक्रम में अवश्य भाग लें। इस कार्यक्रम में कलेक्टर स्वयं भी उपस्थित रहकर योगाभ्यास करेंगी।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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