Friday 19 June 2015

वसुंधरा का बेटा दोषी नहीं तो सोनिया का दामाद बेईमान कैसे हो गया

क्रिकेट के भस्मासुर ललित मोदी की कंपनी से 11 करोड़ 23 लाख रुपए लेने के बाद भी यदि सीएम वसुंधरा राजे का बेटा दुष्यंत सिंह दोषी नहीं है तो फिर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा बेईमान कैसे हो सकते हैं। 19 जून को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और जयपुर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी और मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दुष्यंत ने जो 11 करोड़ 23 लाख रुपए की राशि ली है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। सारे लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को भी दी गई है।
सवाल उठता है कि जब दुष्यंत दोषी नहीं है, तो रॉबर्ट वाड्रा कैसे बेईमान हो सकते हैं। कांग्रेस के शासन में वसुंधरा से लेकर नरेन्द्र मोदी तक ने वाड्रा की कंपनियों के लेनदेन को ही बेईमानी करार दिया था। आज जो आरोप दुष्यंत पर लगे हैं, वैसे ही आरोप वाड्रा पर भी थे। जिस प्रकार दुष्यंत की कंपनी 11 करोड़ लेने के बाद बंद हो गई, उसी प्रकार वाड्रा ने भी जमीनों की खरीद फरोख्त करने के बाद संबंधित कंपनियों पर ताले लगा दिए। ऐसा नहीं  हो सकता है कि ललित मोदी जैसे भस्मासुर से 11 करोड़ 23 लाख लेने के बाद भी दुष्यंत तो पाक साफ बने रहे और वाड्रा को बेईमान माना जाता रहे। असल में कंपनियों का खेल ही ऐसा है कि आर्थिक अपराध करने के बाद भी ईमानदार बना रहा जा सकता है।
सुधांशु और वसुंधरा का स्तर बराबर
19 जून को जब सुधांशु त्रिवेदी ने वसुंधरा राजे के समर्थन में बयान दिया तो उधर राजस्थान में वसुंधरा के समर्थक गद्गद हो गए। मीडिया से नाराजगी जताते हुए समर्थकों ने कहा कि लो अब वसु के भी समर्थन में भाजपा आ गई है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या वसुंधरा राजे और सुधांशु त्रिवेदी का राजनीतिक स्तर बराबर का है? विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज के बचाव में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आए। क्या सुषमा का जिस तरह बचाव हुआ वैसे वसुंधरा का बचाव नहीं हो सकता?

(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment