Saturday 11 July 2015

प्रियंका के बेटे रेहान ने खुश कर दिया कांग्रेसियों को देश भर के कांग्रेसी राहुल गांधी की शादी नहीं होने को लेकर चिन्तित थे, लेकिन अब ऐसे कांग्रेसियों को


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मायूस होने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रियंका गांधी के बेटे रेहान ने राजनीति के गुर सीखना शुरू कर दिया हैं। कांग्रेसियों को तो यही उम्मीद थी कि राहुल गांधी शादी करेंगे और फिर उनके बच्चे भी कांग्रेस का नेतृत्व करते रहेंगे क्योंकि कांग्रेसियों का गांधी परिवार के बिना कोई वजूद नहीं है। जिस किसी ने भी गांधी परिवार को चुनौती देकर कांग्रेस संगठन खड़ा करने की कोशिश की, वह मिट्टी में मिल गया। महाराष्ट्र में शरद पवार ने थोड़ी बहुत हिम्मत दिखाई थी लेकिन अब शरद पवार भी समुद्र ही ओर ही जा रहे हैं। चूंकि कांग्रेस तो अमरबेल की तरह गांधी परिवार पर निर्भर हैं इसलिए कांग्रेस को जिन्दा रखने के लिए कोई ना कोई तो चाहिए ही। राहुल गांधी अब 50 का आंकड़ा पूरा करने जा रहे हैं। इसलिए कांग्रेसियों के लिए यह खुशखबरी है कि राहुल की शादी के बिना ही कांग्रेस को भविष्य का वारिस मिल गया है। आखिर राहुल गांधी के बाद भी तो कांग्रेस को नेतृत्व देने वाला कोई चाहिए। नेतृत्व की सारी योग्यताएं, क्षमताएं, काबिलियत गांधी परिवार में ही है। कांग्रेस का अब तक का इतिहास यही बताता है कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस संगठन का कोई वजूद नहीं है। कांग्रेस भले ही कितनी ही गर्त में चली जाए, लेकिन कांग्रेसी गांधी परिवार को छोड़ नहीं सकते हैं। वैसे तो राहुल के बच्चों को ही कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए था लेकिन कांग्रेसियों का यह दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी शादी ही नहीं कर रहे हैं ऐसे में बच्चे कहां से आएंगे? जैसे-जैसे राहुल गांधी की उम्र बढ़ रही है वैसे-वैसे कांग्रेसियों की चिन्ता भी बढ़ रही थी। लेकिन प्रियंका गांधी के पुत्र रेहान ने एक ही झटके में कांग्रेसियों को चिन्ता मुक्त कर दिया है। अब कांग्रेसियों को नेतृत्व करने वाला एक नेता मिल गया है। यानि भतीजा न सही तो भांजे से ही काम चला लेंगे। रेहान ने विगत दिनों अपने मामा राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के गौरीगंज क्षेत्र के गांव कोहान में पूर्व प्रधान रामअवध पाण्डे के घर पर एक रात बिताई और खाना आदि भी खाया। रेहान का यह कृत्य कोई गरीब के घर को उपकृत करना नहीं था। उन्हें तो कांग्रेसियों को यह संदेश देना था कि अब राहुल गांधी के वारिस के रूप में मुझे (रेहान) देखा जाए। हो सकता है कि आगामी दिनों में श्रीमती सोनिया गांधी राजनीति से पूरी तरह अलग हो जाएं और कांग्रेस की सारी बागडोर राहुल गांधी संभालें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। रेहान अभी बच्चा है और उसे राजनीति नहीं आती है। कांग्रेसी यह समझते हैं कि गांधी परिवार का सदस्य तो पैदा होने के साथ ही राजनीतिज्ञ हो जाता है। किसकी हिम्मत है जो गांधी परिवार के किसी सदस्य को राजनीति सिखाए। गत लोकसभा चुनाव के बाद जिन-जिन कांग्रेसियों ने राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती दी, वे सभी अब गुमनामी की जिन्दगी जी रहे हैं। कांग्रेस संगठन में वे लोग ही सक्रिय हैं जो हर हालत में राहुल गांधी को सर्वश्रेष्ठ नेता मानते हैं भले ही संसद में कांग्रेस के मात्र 44 सदस्य हों। रेहान की उम्र मुश्किल से 15 वर्ष होगी। लेकिन इससे कांग्रेसियों को कोई फर्क नहीं पड़ता। मौका मिले तो अनेक कांग्रेसी रेहान के भी चरण स्पर्श करने को तैयार हैं। सोशल मीडिया में रेहान का जो फोटो वायरल हुआ है उसमें रेहान ने सफेद रंग की एक बनियान और बरमूडा पहन रखा है लेकिन रेहान का बरमूडा ऐसा लग रहा है कि जैसे गांव के किसी लड़के ने अपने पिताजी की पेन्ट को काटकर नेकर बना पहन रखी हो। यह फोटो भी गांधी परिवार की राजनीति का ही हिस्सा है। मीडिया को भी आगामी कई दिनों के लिए मसाला मिल गया है।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511

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