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अजमेर शहर के बीचों-बीच बने ऐतिहासिक आनासागर की इससे ज्यादा दुर्दशा नहीं हो सकती कि मौसम की एक ही बरसात में आनासागर भर गया है। इसकी भराव क्षमता 13 फीट है, जबकि 20 जुलाई की शाम 12 फीट 10 इंच पानी मापा गया। यानि अब कभी भी आनासागर की चादर चल सकती है। ऐसा नहीं कि नदियों से एक साथ बड़ी मात्रा में पानी आ गया। असल में बरसात का पानी तो आता ही नहीं है, लेकिन आनासागर में प्रतिदिन करीब 12 नालों से मल-मूत्र युक्त पानी गिरता है।
रोजाना गंदा पानी आने से वर्षभर आना सागर भरा ही रहता है। यही वजह रही कि गत रात्रि को मौसम की पहली अच्छी बरसात हुई तो आना सागर लबालब हो गया। एक समय था, जब यह झील अजमेर के प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगाती थी, लेकिन अब यह झील मल-मूत्र के कुंड में तब्दील हो गई है। गर्मी के दिनों में तो झील से दुर्गंध आती है। यूं तो अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है,वहीं एक ही बरसात ने प्रशासन के सारे इंतजामों की पोल भी खोल दी है। सड़कों पर बड़े-बड़े खड्डे हो गए हैं, जिन पर वाहन चलाना मुश्किल है।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511
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