Wednesday 22 July 2015

मोदी जी बताओ, कहां रुका भ्रष्टाचार ऑडियो टेप ने खोली रेलवे की पोल।


(spmittal.blogspot.in)

पीएम बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। यानि न भ्रष्टाचार करुंगा और न होने दूंगा। लेकिन पीएम के इस दावे की पोल राजस्थान के कोटा रेल मंडल की डीआरएम अर्चना जोशी और रेलवे अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल गुप्ता के ऑडियो टेप ने खोल दी है। इस टेप में जोशी कह रही हैं कि रेलवे के जीएम रमेश चन्द्रा की बेटी का विवाह है, इसलिए 50 हजार रुपए का कन्यादान दिया जाए। इस पर डॉ. गुप्ता का कहना रहा कि पहले भी पांच लाख रुपए दिए जा चुके हैं और जीएम रमेश चन्द्रा को उम्मेद पैलेस में दिए गए लंच-डीनर में 70 हजार रुपए खर्च किए गए हैं। यह सब राशि कोटा के उन प्राइवेट अस्पतालों से अवैध रूप से वसूली गई, जिनसे रेलवे का अनुबंध है। सवाल यह नहीं है कि भ्रष्टाचार का खुला खेल हो रहा है। सवाल यह है कि नरेन्द्र मोदी के पीएम रहते रेलवे के अफसर भ्रष्टाचार कैसे कर रहे हैं? सब जानते हैं कि शिवसेना को नाराज कर मोदी ने सुरेश प्रभु को रेलमंत्री बनवाया था। प्रभु ने भी दावा किया था कि अब रेलवे में भ्रष्टाचार नहीं होगा। लेकिन डीआरएम और सीएमएस के टेप से पता चलता है कि नरेन्द्र मोदी और सुरेश प्रभु के रहते हुए भी रेलवे के अफसर रिश्वत खा रहे हैं। माना कि अफसर जो रिश्वत खा रहे हैं,उसका हिस्सा मोदी-प्रभु तक नहीं पहुंचा रहा, लेकिन अभी तक भी भ्रष्ट रेल अफसरों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से पता चलता है कि मोदी-प्रभु की जोड़ी अफसरों को खाने से नहीं रोक पा रही है। अब भ्रष्टों का ऑडियो टेप आ ही गया है तो कार्यवाही में देरी क्यों? यदि मोदी-प्रभु को अपने कथन को सच साबित करना है तो आरोपी तीनों अफसरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर देना चाहिए। इस मामले में जांच की भी कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि दस मिनट के टेप में कई बार चौथ वसूली की बात हुई। महिला डीआरएम अर्चना जोशी ने तो रिश्वत मांगने में पक्के भ्रष्टाचारी ए.राजा को भी पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही कोटा के दोनों प्राइवेट अस्पतालों से रेल का अनुबंध भी रद्द होना चाहिए, क्योंकि  इन अस्पतालों के मालिकों ने तभी रिश्वत दी है, जब रेलवे से फर्जी बिलों का भुगतान प्राप्त किया है। यानि मरीज भर्ती हुआ ही नहीं और बिल का भुगतान हो गया। अब अस्पतालों के बिलों की जांच होनी चाहिए।
आरोपी महिला अफसर का तबादला
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अब इस बात के संकेत दे दिए हैं कि भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्यवाही ही नहीं होगी। क्योंकि 22 जुलाई को कोटा की आरोपी डीआरएम अर्चना जोशी का तबादला जयपुर स्थित उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक के पद पर कर दिया है। यानि अब जोशी सीएमएस से नहीं बल्कि डीआरएम जैसे अफसरों से वसूली करेंगी। 
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511

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