Wednesday 8 July 2015

शर्म तो हेमा मालिनी को आनी चाहिए


(spmittal.blogspot.in)

मथुरा से भाजपा की सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेम मालिनी ने 8  जुलाई को एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में हेमा ने गत 3 जुलाई को राजस्थान के दौसा में हुई सड़क दुर्घटना के संदर्भ में कहा कि जिस डेढ़ वर्षीय बच्ची की मौत हुई, उसके लिए मैं नहीं बल्कि बच्ची का पिता हनुमान खंडेलवाल जिम्मेदार है। हनुमान ने ही अपनी ऑल्टोकार को लापरवाही से चलाते हुए उनकी मर्सीडीज कार से टकरा दिया। हेमा यही नहीं रुकी, उन्होंने कहा कि जब मैं स्वयं जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में इलाज करवा रही थी, तब गर्म खबरों की भूखी मीडिया मेरी इज्जत खराब कर रही थी। ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए। हेमा सिर्फ फिल्म अभिनेत्री ही नहीं हैं, बल्कि वे निर्वाचित सांसद भी हैं। एक जन प्रतिनिधि होने के नाते उनकी जवाबदेही ज्यादा है। हेमा को यह पता होना चाहिए कि जब तीन जुलाई की रात दुर्घटना हुई थी तो दौसा के लोगों ने सबसे पहले हेमा को ही फोॢर्टस पहुंचाया। हनुमान और उसके परिवार के जख्मी सदस्यों को तो दो घंटे बाद पुलिस के आने पर ही जयपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।  यही वजह रही कि डेढ़ वर्षीय बच्ची की तो रास्ते में ही मौत हो गई। यदि हेमा की तरह बच्ची को भी वीआईपी सुविधा मिल जाती तो उसकी भी जान बच जाती। अपनी बच्ची की मौत के बाद भी हनुमान ने किसी भी प्रकार से मुआवजे की मांग नहीं की है। अभी भी हनुमान, उसकी पत्नी तथा अन्य सदस्य सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। हेमा पीडि़त परिवार के प्रति संवेदना जताने के बजाए दोषी ठहरा रही है। शर्म तो हेमा को तब आनी चाहिए थी, जब तीस वर्ष पहले उन्होंने शादीशुदा धर्मेन्द्र से विवाह किया। उस समय धर्मेन्द्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर पर क्या बीती होगी, इसका अंदाजा हेमा नहीं लगा सकती। प्रकाश कौर अभी भी जिंदा है। आज आम लोग धर्मेन्द्र की पत्नी के तौर पर हेमा को ही जानते हैं। हेमा जी जिनके घर कांच के होते हैं, उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। अच्छा होता कि हनुमान और उसके परिवार के सदस्यों को मुम्बई बुलाकर इलाज करवाया जाता।
(एस.पी. मित्तल) M-09829071511

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