Thursday 23 July 2015

काश कोई नेता चन्द्रशेखर आजाद को भी याद कर लेता!


(spmittal.blogspot.in)

देश को आजाद करवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। इस नाते 23 जुलाई को आजाद की जयंती होती है। लेकिन आज 23 जुलाई को किसी भी नेता ने आजाद को याद नहीं किया। यह उपेक्षा तब हुई है, जब देश में भाजपा की सरकार है। और भाजपा का कहना है कि अब अकबर महान के बजाए देश भक्तों के जीवन को पढ़ाया जाएगा। सवाल उठता है कि जब चन्द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारी के जन्म दिन को भी याद नहीं रख सकते तो नया पाठ्यक्रम खाक बनाएंगे? राजनीतिक दृष्टि से वाह-वाही लूटने के लिए भाजपा के मंत्री घोषणा तो कर देते हैं, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं करते। यह सही है कि आजादी के बाद कांग्रेस की सरकारों ने अपने राजनीतिक स्वार्थों की वजह से इतिहास और पाठ्यक्रम को तैयार करवाया। अब जब केन्द्र में अपने बूते पर भाजपा की सरकार चल रही है तो चन्द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों को याद क्यों नहीं किया जाता। भाजपा के विधायकों, सांसदों, मंत्रियों आदि के जन्म दिन या तो अखबारों में कई पृष्ठों के विज्ञापन छपते हैं और चमचे किस्म के स्वार्थी लोग रक्तदान तक करते हैं। लेकिन देश को आजाद करवाने वालों के जन्म दिन पर दो शब्द भी नहीं बोले जाते। भाजपाई माने या नहीं, लेकिन सत्ता परिवर्तन का कोई असर नजर नहीं आ रहा है। जिस प्रकार कांग्रेस के शासन में मंत्री विधायक बेइमानों और दलालों से घिरे रहते थे, वही हालत भाजपा के शासन में भी हंै।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511

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