Wednesday 12 August 2015

संसद में अपने ही जाल में फंस गई कांग्रेस। सुषमा के जवाब से बोलती बंद।

12 अगस्त को कांग्रेस ने सोचा तो यह था कि ललित मोदी के प्रकरण में लोकसभा में पहले सुषमा स्वराज पर आरोप लगा दिए जाएंगे और फिर जब सुषमा जवाब देगी तो रोजाना की तरह हंगामा कर संसद को स्थगित करवा दिया जाएगा। योजना के पहले चरण में कांग्रेस सफल रही। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकाअर्जुन खडग़े ने बहुत ही प्रभावी तरीके से सुषमा स्वराज पर आरोप लगाए। कोई एक घंटे तक खडग़े ने बताया कि सुषमा ने किस प्रकार ललित मोदी की मदद की और इसकी एवज में उनके पति और बेटी ने वकील के रूप में मोटी रकम वसूली। जब खडग़े बोल रहे तो लोकसभा में पूरी तरह शांति थी। पूरी योजना की निगरानी राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य कर रहे थे। स्वयं राहुल गांधी ने भी कई बार मैज थपथपा कर खडग़े के कथन पर समर्थन जताया। लेकिन जैसे ही खडग़े के आरोपों का जवाब देने के लिए सुषमा खड़ी हुई, वैसे ही संसद में कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस ने मांग की कि खडग़े के आरोपों का जवाब पीएम नरेन्द्र मोदी दें। इस पर लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करते समय ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि आरोपों का जवाब सुषमा स्वराज ही देंगी। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि खडग़े तो आरोप लगा दें और सुषमा को बोलने  नहीं दिया जाए। उन्होंने सुषमा से कहा कि वे आरोपों का जवाब दें। इस पर शोरगुल के बीच ही सुषमा ने जो जवाब दिए, उससे कांग्रेस की बोलती बंद हो गई। सुषमा ने कहा कि ललित मोदी के प्रकरण में उन पर लाभ लेने का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि लाभ लेने में तो कांग्रेस के नेता माहिर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष स्वर्गीय अर्जुन सिंह की किताब को पढ़ते हुए कहा कि भोपाल गैस त्रासिदी के मुख्य अभिुक्त एंडरसन को छुड़ाने में तत्ताकलीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भूमिका थी। अर्जुन सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते मैंने एंडरसन को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन राजीव गांधी के कहने पर मुझे एंडरसन की हाथों-हाथ जमानत करवानी पड़ी और फिर स्टेट प्लेन से एंडरसन को दिल्ली भेजा गया और वहां से एंडरसन सुरक्षित अमरीका चला गया। सुषमा ने कहा कि एंडरसन को राजीव गांधी ने एक गुप्त समझौते के तहत छुड़वाया था। असल में राजीव गांधी के बचपन के दोस्त आदिल शहयार को अमरीका में 35 वर्ष की सजा हुई थी। राजीव गांधी चाहते थे कि अमरीका सरकार शहरयार की सजा को माफ करे। 11 जून 1985 को राजीव गांधी जब अमरीका गए तब भी उन्होंने सरकार के समक्ष शहरयार को छोडऩे का प्रस्ताव रखा। इतना ही नहीं राजीव गांधी ने बोफोर्स घोटाले के मुख्य आरोपी क्वात्रोची को भारत से भगाने में भी मदद की। सुषमा ने कहा कि राहुल गांधी को सोनिया गांधी से यह पूछना चाहिए कि ..मम्मा पापा ने क्वात्रोची और एंडरसन को क्यों छुड़वाया। सुषमा ने कहा कि ललित मोदी की मदद करने पर मुझ पर पैसे लेने का आरोप राहुल गांधी लगा रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि यूपीए के शासन में जब पी.चिदम्बरम वित्त मंत्री थे तो आयकर विभाग ने उनकी पत्नी नलिनी चिम्दबरम को सरकारी वकील नियुक्त किया। इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शारदा चिटफंड मामले में भी नलिनी चिदम्बरम ने वकील के तौर पर एक करोड़ रुपए की फीस ली, जबकि वित्त मंत्रालय ने ही शारदा घोटाले का मामला दर्ज किया था। उन्होंने कहा कि लाभ तो कांग्रेस और गांधी परिवार के लोगों ने उठाया है। अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देते हुए सुषमा ने कहा कि पासपोर्ट प्रकरण में उनके पति स्वराज कौशल कभी भी ललित मोदी के वकील नहीं रहे। उनकी बेटी एसोसिएट के तौर पर वकील रही थी और वकीलों की सूची में बेटी का नाम नवें नम्बर पर था। उन्होंने दावे से कहा कि न तो उनके पति न उनकी बेटी ने ललित मोदी से धनराशि प्राप्त की।
12 अगस्त को सुषमा स्वराज ने जिस प्रकार कांग्रेस को जवाब दिया उससे अब कांग्रेस की बोलती बंद हो गई। असल में अब कांग्रेस को ये जवाब देना है कि सत्ता का लाभ गांधी परिवार ने लिया या सुषमा स्वराज ने। सुषमा ने कहा भी कि उनके 38 वर्ष के राजनीतिक जीवन में कोई दाग नहीं है। जबकि कांग्रेस का इतिहास तो काले कारनामों से भरा हुआ है। यहां यह सवाल भी महत्त्वपूर्ण है, जब खडग़े ने आरोप लगा दिए तो सुषमा का जवाब सुनने के लिए कांग्रेस ने हंगामा क्यों मचाया। क्या कांग्रेस को यह पता था कि सुषमा के आरोपों का जवाब उसके पास नहीं है। 12 अगस्त को जब खडग़े ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को लेकर आरोप लगाए तो हंगामा हो गया। इस पर भाजपा के सांसद दुष्यंत गौतम ने कहा कि ललित मोदी के संबंध तो सोनिया गांधी की बहन से भी थे। उन्होंने राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मौसी चोर इस पर लोकसभा अध्यक्ष को कोई एक घंटे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। एक बार फिर कहा जा सकता है कि इन दिनों संसद में जो कुछ भी हो रहा है। वह भारतीय लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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