Sunday 16 August 2015

क्या एमपी के निकाय चुनावों के परिणाम का असर राजस्थान में भी पड़ेगा

राजस्थान में 129 स्थानीय निकाय संस्थाओं के लिए 17 अगस्त को मतदान होना है तथा 20 अगस्त को परिणाम आएंगे। लेकिन इससे पहले 16 अगस्त को पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश के जो परिणाम सामने आए हैं, उससे सवाल उठता है कि एमपी के परिणामों का असर राजस्थान में पड़ेगा? एमपी में अधिकांश शहरों और कस्बों में भाजपा को जीत मिली है। 10 नगर निगम में से 9 में भाजपा की जीत हुई है। इस जीत पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा भी कि व्यापम मामले को लेकर कांग्रेस ने दुष्प्रचार भी किया था, लेकिन फिर भी भाजपा को ही जीत मिली है। इसमें कोई दो राय नहीं कि स्थानीय निकाय के चुनाव में एमपी में कांग्रेस को बुरी तरह मात मिली है। यदि राजस्थान में भी चुनाव परिणाम एमपी की तरह आते हैं तो सबसे ज्यादा राहत और खुशी सीएम वसुंधरा राजे को मिलेगी क्योंकि यहां भी कांग्रेस ललित मोदी प्रकरण में राजे पर आरोप लगा रही है। यहां तक की संसद को ठप कर रखा है। यहीं वजह है कि एमपी के परिणाम से यहां सीएम राजे से लेकर भाजपा के सभी उम्मीदवार उत्साहित हैं। उम्मीदवारों को लगता है कि एमपी और राजस्थान के मतदाताओं की सोच एक जैसी ही है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी इन दोनों राज्यों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इन दोनों राज्यों में एक समानता यह भी है कि एमपी में कांग्रेस की कमान ज्योतिरादित्य राजे और राजस्थान में सचिन पायलट ने संभाल रखी है। ये दोनों ही राहुल गांधी के खास सलाहकार हैं। इसलिए इन चुनावों के परिणाम का असर राहुल गांधी की छवि पर भी पड़ेगा। पिछले दिनों जब अजमेर जिले के नसीराबाद विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण गुर्जर को जीत मिली तो सचिन पायलट ने जीत का श्रेय स्वयं लेते हुए गुर्जर को दिल्ली ले जाकर सोनिया और राहुल से मिलवाया। राजस्थान में 129 संस्थाओं में से सिर्फ अजमेर में ही नगर निगम के चुनाव होने हैं।

(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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