Sunday 30 August 2015

अजमेर के भाजपाई अब कौन सा प्रशिक्षण ले रहे हैं।

भाजपा की रीति नीति से अवगत कराने के लिए जयपुर में 31 अगस्त और 1 सितम्बर को दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लग रहा है। प्रदेश स्तरीय इस शिविर में अजमेर शहर के भाजपा नेता वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल, धर्मेन्द्र गहलोत, शिवशंकर हेड़ा, अरविंद यादव, श्रीकिशन सोनगरा, रासासिंह रावत आदि भी शामिल हैं। शहर के इन नेताओं के जिम्मे ही नगर निगम के चुनाव की कमान थी। 60 में से 31 वार्डो में ही भाजपा उम्मीदवार जीत पाए। परिणाम के बाद नवनिर्वाचित पार्षदों को भाजपा की रीति नीति सीखाने के लिए ही पांच दिनों तक पुष्कर के निकट एक रिसोर्ट में बंद रखा गया। इस शिविर में जो सीखा उसी की बदौलत शहर भाजपा के महामंत्री और नवनिर्वाचित पार्षद सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने बगावत कर अधिकृत उम्मीदवार धर्मेन्द्र गहलोत के सामने ही मेयर का चुनाव लड़ा। रिसोर्ट में बंद रह कर जो सीखा उसी के बाद भाजपा के कम से कम 6 पार्षदों ने अधिकृत उम्मीदवार के बजाय बगावत करने वाले को वोट दिया। इसलिए गहलोत और शेखावत के 30-30 मत प्राप्त हुए। यह तो तकदीर की पर्ची गहलोत की निकल आई, नहीं तो आज कांग्रेस का समर्थन लेने वाले भाजपा के बागी शेखावत ही मेयर होते। निगम चुनाव के बाद प्रशिक्षण शिविर को मुश्किल से 7 दिन ही हुए है कि अजमेर शहर के भाजपा नेता एक बार फिर भाजपा की रीति नीति समझने के लिए जयपुर के शिविर में पहुंच गए हैं। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के बाद भाजपा के नेता अजमेर आकर क्या गुल खिलाएंगे यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। मजे की बात तो यह है कि अजमेर के इन्हीं नेताओं पर अब मंडल स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी होगी। यानि जिन नेताओं की वजह से भाजपा में बगावत हुई, वहीं नेता मंडल स्तर पर कार्यकर्ता को अनुशासन का पाठ पढ़ाएंगे। जानकारों की माने तो प्रशिक्षण शिविर में भी भाजपा के नेता देवनानी और भदेल गुट में बंटे हुए हैं। प्रशिक्षण देने के लिए जो राष्ट्रीय नेता शिविर में उपस्थित हैं, उन्हें अजमेर की गुटबाजी के बारे में अपनी-अपनी ओर से सफाई दी जा रही है। देवनानी और भदेल पहले ही एक-दूसरे पर आरोप लगा चुके है। ये दोनों ही अजमेर शहर से विधायक होने के साथ-साथ मंत्री भी हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

No comments:

Post a Comment