Saturday 22 August 2015

छह दिन की कैद के बाद मुक्त हुए भाजपा के पार्षद

अजमेर नगर निगम के जिन पार्षदों को जीत के बाद जश्न मनाना चाहिए था, वह मतदान के बाद 17 अगस्त से ही पुष्कर में मोतीसर रोड स्थित पुष्कर बाघ पैलेस में बंद कर दिए गए। असल में भाजपा में चल रही खींचतान की वजह से सभी नव निर्वाचित 31 भाजपा पार्षदों को बाघ पैलेस में कैद कर दिया गया। 22 अगस्त को डिप्टी मेयर के चुनाव में मतदान करने के बाद ही पार्षदों को मुक्त किया गया। इनमें महिला पार्षद भी शामिल है। भाजपा के पार्षद 22 अगस्त को तभी अपने घर जा सके, जब डिप्टी मेयर के लिए मतदान कर दिया। कैद से मुक्त होने के बाद ही नव निर्वाचित पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों में जुलूस निकालना शुरू कर दिया है। पार्षदों के घरों पर भी सर्मथकों की भीड़ जमा हो रही है। इसे राजनीति का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जनप्रतिनिधियों को भी छह दिन के लिए कैद होना पड़ रहा है। सवाल उठता है कि क्या भाजपा को अपने ही पार्षदों पर भरोसा नहीं है। जिस तरह से मेयर के चुनाव में भाजपा को बगावत देखने को मिली है। उससे तो हालात और बिगडऩे की संभावना है। यह बगावत यहीं थमने वाली नहीं है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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