अजमेर जिले में अब आम धारणा बन गई है कि एसपी विकास कुमार ने कमाल कर दिया है। सरकार के वर्तमान संसाधनों से ही पुलिस व्यवस्था को सुधार कर रख दिया। जो अजमेर पुलिस मंथली वसूली के लिए बदनाम थी, उसी पुलिस को आम जनता का सेवक बना दिया है। विकास कुमार ने करीब चार माह पहले ही अजमेर एसपी का पद संभला था। तब एसपी ने न तो फोर्स कम होने का रोना रोया और न ही संसाधनों की कमी बताई। इन्हीं पुलिस जवानों के बीच से ही स्वयं की क्यूआरटी फोर्स भी बना ली। जिले भर के लोगों को लगता है कि विकास कुमार ने अनोखी पहल की है। इसीलिए जब विकास कुमार के पदोन्नत होकर अन्यंत्र चले जाने की चर्चा है तो आम आदमी चाहता है कि विकास कुमार यहीं रहे। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या विकास कुमार को कलेक्टर का चार्ज दिया जा सकता है? आम व्यक्ति का मानना है कि जिला प्रशासन का हाल बेहद खराब है। किसी भी विपरित परिस्थितियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हुआ है। कभी कहा जाता है कि अधीनस्थ आरएएस अधिकारी योग्य नहीं हैं और कभी कहा जाता है कि प्रशासन के पास मांग के अनुरूप संसाधन नहीं है। ऐसे कई मौके आए हैं, जब जिला कलेक्टर आरुषि मलिक ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी प्रकट की है। जिले के जनप्रतिनिधि भी प्रशासन के तौर तरीकों से संतुष्ट नहीं है। इसलिए आम नागरिकों का मानना है कि विकास कुमार को ही कलेक्टर का चार्ज दे दिया जाए। विकास कुमार ने जिस प्रकार जिला पुलिस के हालात सुधारे हैं, उसी प्रकार प्रशासन के भी हालत सुधार देंगे। कम से कम प्रशासन का सम्मान तो बढ़ा ही देंगे। अधीनस्थ अधिकारी भी खुश हो जाएंगे कि अब टीम भावना से काम हो रहा है। वर्तमान में तो अधीनस्थ अधिकारियों का काम काज करना मुश्किल हो रहा है। एक ओर जहां विकास कुमार को अजमेर में ही बनाए रखने की मांग हो रही है। वहीं जिला प्रशासन में तत्काल बदलाव की मांग की जा रही है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511
Tuesday 18 August 2015
तो अजमेर एसपी विकास कुमार को कलेक्टर का भी चार्ज दे देना चाहिए।
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