Thursday 10 September 2015

नहीं होना चाहिए अजमेर एसपी का तबादला।

माना जा रहा है कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह की फरारी के मामले में अजमेर के एसपी विकास कुमार का तबादला कियाजा सकता है। यदि एसपी का तबादला होता है तो उन लोगों की मौज हो जाएगी जो शराब की अवैध तौर पर बिक्री करते हैं और गली कूचों में सट्टे का कारोबार कर माला माल हो रहे है। विकास कुमार के आने के बाद अजमेर में अपराधों पर थोड़ा अंकुश लगा है। विकास कुमार की जो कार्यशैली सामने आई, उससे इतना तो कहा ही जा सकता है कि आनंदपाल को भगाने में विकास कुमार की मिलीभगत नहीं है। ऐसा भी नहीं की विकास कुमार ने आनंदपाल की सुरक्षा को इसलिए कमजोर किया, ताकि वह भाग जाए। ऐसा भी नहीं हो सकता कि विकास कुमार ने सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों को जहरीली मिठाई खाने के लिए कहा, ताकि आनंदपाल फरार हो जाए। यह हो सकता है कि आनंदपाल की सुरक्षा में किसी स्तर पर लापरवाही बरती गई है। इसके लिए पूरी तरह विकास कुमार को दोषी ठहराना उचित नहीं होगा। मैं यहां विकास कुमार की कोई पैरवी नहीं कर रहा हंू। लेकिन इतना जरूर है कि विकास कुमार ने अपने तीन-चार माह के कार्यकाल में अजमेर पुलिस की छवि को सुधारने का प्रयास किया था। विकास कुमार के तबादले से आनंदपाल तो पकड़ा नहीं जाएगा, लेकिन पुलिस फिर से बेलगाम हो जाएगी। आनंदपाल की फरारी से यदि विकास कुमार कोई सबक लेना हो तो उन्हें भी जरूर लेना चाहिए। अजमेर के नागरिक भी यही चाहते हैं कि विकास कुमार ही एसपी बने रहे।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

1 comment:

  1. लेकिन आज भी थानों में धड़ल्ले से रिश्वत ली जा रही है. बिना रिश्वत रिपोर्ट तक नहीं लिखी जा सकती. आपको इतने नियम कायदे बता देंगे कि रिश्वत देकर काम कराना सस्ता जान पड़ता है.

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