Tuesday 15 September 2015

संघ प्रमुख भागवत भी मानते हैं गांव बनने चाहिए स्मार्ट।

आरक्षण पर बने गैर राजनीतिक प्रतिनिधियों की कमेटी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत भी मानते हैं कि गांवों को स्मार्ट बनाया जाना चाहिए। यदि हम गांवों को स्मार्ट बनाएं तो अनेक समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा। संघ के प्रचार विभाग की ओर से 12 व 13 सितम्बर को जयपुर में ब्लॉगर, स्तंभ लेखक और लेखकों की एक राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। इस संगोष्ठी में मेरे एक सवाल का जवाब देते हुए भागवत ने कहा कि हमारी संस्कृति की जड़े तो गांवों में ही हैं। हम यदि अपनी जड़ों को मजबूत करेंगे तो समाज की अनेक समस्याओं का समाधान हो जाएगा। जब भारत की 70 प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में बसती है, तो गांव स्मार्ट क्यों नहीं बने? पीएम नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बगैर भागवत ने कहा कि अभी हाल ही में आधा घंटे बैठ कर समझाया है कि हमें क्या करना है। उन्होंने कहा कि मेरा शहर और उद्योग से कोई विरोध नहीं है। वर्तमान परिस्थितियों में यह भी जरूरी है, लेकिन हमें अपनी मूल प्रकृति को नहीं भूलना चाहिए।
उन्होंने माना कि सत्ता के सामने अनेक चुनौतियां होती हैं। संविधान के साथ-साथ पांच वर्ष बाद दोबारा से सत्ता बनाने का भी उद्देश्य रहता है। उन्होंने कहा कि गांवों को स्मार्ट बनाने का सवाल एकदम सही है और यह होना भी चाहिए। इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करने चाहिए। जन दबाव का अपना असर होता है। सरकार विभिन्न योजनाओं की क्रियान्विति ग्रामीण क्षेत्र में सही प्रकार से हो जाए तो गांव भी स्मार्ट दिखने लगेंगे। हम जो सुविधाएं शहर के लोगों को उपलब्ध करवाते हैं, वे सभी सुविधाएं ग्रामीणों को भी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ की ग्राम विकास की अपनी योजनाएं है। बनवासी क्षेत्रों में तो संघ खास तौर से कार्य कर रहा है।
आरक्षण पर बने कमेटी
संघ प्रमुख ने आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को एक महत्त्वपूर्ण सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अपने स्वार्थ होते हैं, इसलिए जो आरक्षण दस वर्ष के लिए रखा गया था, वह आज तक चल रहा है। राजनीतिक प्रतिनिधियों के अपने नजरिए होते हैं। हमें ऐसा कार्य करना चाहिए कि समाज में सद्भाव भी बना रहे और युवाओं को समान अवसर मिले। आरक्षण का लाभ समाज के हर उस वर्ग को मिलना चाहिए जो कमजोर है। जिस परिवार को एक बार आरक्षण का लाभ मिल गया, उसे लगातार मिलता रहे, इस पर फिर विचार होना चाहिए। हम देखते हैं कि जिन पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण लागू किया गया था, वह आज भी पिछड़ा हुआ है। यदि क्रीमीलेयर को हटाया जाए तो पिछड़े वर्ग के ही जरुरतमंदों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए सरकार को गैर राजनीतिक प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनानी चाहिए, जो आरक्षण के सभी पहलुओं पर विचार करें, लेकिन समाज में सद्भावना भी बनी रहनी चाहिए। सत्ता का संचालन करने वालों को समाज के हर वर्ग के विद्यार्थियों और युवाओं का ख्याल रखना चाहिए। क्यों आ रहे हैं आईएस जैसे आतंकी संगठन
एक सवाल के जवाब में भागवत ने सवाल किया कि आखिर आईएस जैसे आतंकी संगठन भारत में क्यों आ रहे हैं? क्या हमारे समाज में कोई कमजोरी है? आईएस को लेकर देशभर में हो हल्ला हो रहा है। सब लोग आईएस को रोकने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मेरी इस मामले में अलग सोच है। क्या हम ऐसे संगठित नहीं हो सकते, जिससे आईएस खुद ही भारत में आने से रुक जाए। हमारी कमजोरी का फायदा उठा कर ही तो आईएस आ रहा है। यदि हम देशवासी मिलकर मुकाबला करेंगे, तो आईएस भारत की ओर आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आईएस बर्बरता कर रहा है, वह मानवता के खिलाफ है। उन्होंने नस्लवाद को भी देश के लिए खतरा बताया।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

No comments:

Post a Comment