Monday 7 September 2015

सचिन पायलट ने मनवाया अपना जन्मदिन

आमतौर पर किसी भी राजनेता का जन्मदिन मनाने में आम व्यक्ति की कोई रूचि नहीं होती है। नेता के समर्थक ही अपने स्वार्थो की वजह से जन्मदिन मनाते है। किसी नेता के समर्थक जन्मदिन मनाए तो इसे भी एक राजनैतिक प्रक्रिया ही कहा जाएगा,लेकिन यदि  कोई राजनेता आगे बढ़कर अपना जन्मदिन मनाने का इशारा करे तो इसे राजनीति का बुरा चेहरा ही कहा जाएगा। कुछ ऐसा ही 7 सितम्बर को राजस्थान में हुआ। इस समय प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट विराजमान है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 7 सितम्बर को सचिन पायलट के जन्मदिन को उत्साह के साथ मनाया। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी कार्यकर्ताओं ने अपने प्रदेश अध्यक्ष का जन्मदिन मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पायलट का जन्मदिन मनाने के लिए कांग्रेस के अग्रिम संगठन के पदाधिकारियों के प्रदेश नेतृत्व में निर्देश हुए। कहा गया कि पायलट के जन्मदिन पर सरकारी अस्पतालों में फल वितरित किए जाए तथा अनाथ आश्रमों में जाकर जरूरतमंदों को भोजन कराया जाए। कांग्रेस के ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों को विभिन्न कार्यक्रम आयोजन करने के लिए कहा गया। चूंकि ऐसे निर्देश संगठन के पदाधिकारियों ने जारी किए इसलिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को खानापूर्ति करनी ही पड़ी। अखबारों में विज्ञप्ति देकर बताया कि किस नेता ने किस प्रकार पायलट का जन्मदिन मनाया। पत्रकारों से भी आग्रह किया गया कि कार्यक्रम में नाम जरूर छापा जाए ताकि पायलट को बताया जा सके कि जन्मदिन के समारोह में वे भी शामिल थे। पायलट ने सात सितम्बर को जिस प्रकार अपना जन्मदिन मनवाया उसको लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है। असल में सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट का राजनीतिक कद कई गुणा बढ़ा है, लेकिन प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं व इतने बडे पैमाने पर स्वर्गीय पायलट का जन्मदिन नहीं मनाया। ज्यादा से ज्यादा स्वर्गीय पायलट के निर्वाचन क्षेत्र दौसा या सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र अजमेर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्वर्गीय पायलट का जन्मदिन मनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस से कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए। अच्छा होता कि सचिन पायलट अपने पिता का जन्मदिन प्रदेशभर में मनवाते। आज भी स्वर्गीय पायलट का प्रभाव प्रदेश की जनता पर है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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