Friday 16 October 2015

कॉल ड्राप पर जुर्माना कैसे वसूलेगा उपभोक्ता।

कहीं सरकार की घोषणा थोथी न निकले।
केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि मोबाइल फोन पर कॉल ड्रॉप होने पर संबंधित उपभोक्ता को ऑपरेटर कंपनी से एक रुपया जुर्माने के रूप में प्राप्त होगा। मंत्री की इस घोषणा की खूब वाह-वाही हो रही है, लेकिन मेरे यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर उपभोक्ता एक रुपया वसूलेगा कैसे? प्री-पेड वाले उपभोक्ता तो पहले ही इस बात से दु:खी हैं कि उनकी अग्रिम जमा राशि में से बेवजह की कटौती ये बेइमान कंपनियां कर ही लेती हैं। अवैध कटौती पर इन कंपनियों में कोई सुनवाई नहीं होती। एयरटेल, रिलायंस, वोडाफोन, टाटा डोकॉमो, बीएसएनल जैसी बेईमान कंपनियों ने शिकायत दर्ज करवाने का जो नम्बर दे रखा है, उस पर कम्प्यूटराइज्ड सीडी चलती रहती है।
शर्मनाक बात तो यह है कि बेचारे उपभोक्ता के मोबाइल बिल का मीटर चालू रहता है। बेईमान कंपनियां अपनी मर्जी से न जाने कौन कौनसी सेवाएं जोड़कर अवैध वसूली कर लेती हैं। जब कभी जागरुक उपभोक्ता ट्राई शिकायत करता है तो ट्राई में भी इन कंपनियों में तुलए चाटने वाले अधिकारी कुछ भी नहीं करते। यूपीए सरकार ने जब उपभोक्ता को कंपनी बदलने की सुविधा दी तो यह उम्मीद की गई थी कि इन कंपनियों की व्यवस्थाओं में कोई सुधार होगा। लेकिन जिन उपभोक्ताओं ने दु:खी होकर कंपनी बदली उनका मानना है कि चोर-चोर मौसेरे भाई हैं, जो बेईमानी एयरटेल में होती है, वहीं बेईमानी वोडाफोन रिलायंस जैसी कंपनियां करती है। इन कंपनियों ने बड़ी ही चालाकी से शहर में फ्रेंचाइजी दे रखी है।
फ्रेंचाइजी चलाने वाले भी प्री-पेड और पोस्ट पेड उपभोक्ताओं को लूटते हैं। पोस्ट पेड उपभोक्ता के पास बेवजह के बिल भेजे जाते है। यदि कोई उपभोक्ता बिल की राशि जमा नहीं कराता है, तो उसका टेलीफोन बंद कर दिया जाता है। रविशंकर प्रसाद जी आप तो संचारमंत्री हैं, इसलिए आपकी संचार व्यवस्था तो ये बेईमान कंपनियां सही रखती हैं। आप मेरे जैसे किसी उपभोक्ता के मोबाइल का उपयोग करके देखें तो आप को पता चलेगा कि देश की संचार व्यवस्था कैसी है। कभी आप देखे तो सही कि इंटरनेट की सुविधा देने के नाम पर कितनी लूटमार मची हुई है। टूजी, थ्रीजी और अब फोरजी की स्पीड के नाम पर ये कंपनियां उपभोक्ता की जेब पर डांका डाल रही है। आप को तो संचार मंत्री की हैसियत से फ्री की सुविधा मिली हुई हैं, लेकिन जिन अभिभावकों के बच्चे उच्च अध्ययन के लिए बाहर है उन अभिभावकों को पता है कि एक हजार रुपए से लेकर दो और तीन हजार रुपए का बिल उनका बच्चा प्रतिमाह इन कंपनियों को चुकता है। आप कह रहे हैं कि कॉल ड्रॉप पर एक रुपया जुर्माना होगा। अरे साहब यह कौन तय करेगा कि कॉल ड्रॉप हो गया। यह काम भी तो ये बेईमान कंपनियां ही करेंगी। कौनसी कंपनी ईमानदारी के साथ कॉल ड्रॉप की बात स्वीकार करेगी। भले ही एक दिन में दस बार कॉल ड्रॉप हो जाए, लेकिन ये कंपनियां एक बार भी स्वीकार नहीं करेगी। रविशंकर प्रसाद जी यूपीए के शासन में इन कंपनियों के जो खून मुंह लग गया है, उसे आप नहीं रोक सकते। यह माना कि आप एक ईमानदार और दृंढसंकल्प वाले संचार मंत्री हैं, लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि आप इन बेईमान कंपनियों पर अंकुश नहीं लगा सकते हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

No comments:

Post a Comment