Monday 5 October 2015

वासुदेव के चक्र घुमाने से ही बना हंू अजमेर का मेयर। धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा।

4 अक्टूबर को अजमेर के रामनगर क्षेत्र में स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी और मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का अभिनंदन हुआ। इस समारोह में गहलोत ने देवनानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वासुदेव ने जो सुदर्शन चक्र घुमाया, उसी की वजह से मैं मेयर बन पाया हँू। गहलोत के इस कथन पर हंसते हुए देवनानी ने भी सहमति जताई। सब जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से ही पांडवों को जीत दिलवाई थी।
अजमेर के लोग भी यह जानते हैं कि मेयर के चुनाव में गहलोत और कांग्रेस समर्थित भाजपा के बागी सुरेन्द्र सिंह शेखावत को तीस-तीस मत प्राप्त हुए थे। तब लॉटरी से गहलोत को मेयर घोषित किया गया। निर्वाचन अधिकारी के पर्ची निकालने की प्रक्रिया को शेखावत ने न्यायालय में चुनौती दे रखी है। जिन परिस्थितियों में गहलोत मेयर बने, उनमें वासुदेव का चक्र ही काम आया है। गहलोत ने सही कहा कि यदि वासुदेव अपना चक्र नहीं घुमाते तो वे मेयर नहीं बन पाते।
नहीं हो सकी होटल सीज
देवनानी ने गहलोत को मेयर बनाने के लिए भले ही चक्र चलाया हो, लेकिन अब नगर निगम प्रशासन अवैध निर्माणों के खिलाफ चक्र नहीं चला रहा है। गत एक अक्टूबर को हाथी भाटा क्षेत्र में बनी होटल साईबा को सीज करने के लिए निगम का दल मौके पर पहुंच गया था, लेकिन होटल के मालिक के विरोध की वजह से दल बैरंग लौट आया। तब निगम के आयुक्त एच.गुइटे ने दावे से कहा था कि अब 5 अक्टूबर को इस अवैध होटल को सीज किया जाएगा, लेकिन 5 अक्टूबर को भी यह होटल सीज नहीं हो सकी। गुइटे ने कहा कि स्मार्ट सिटी को लेकर वे दिल्ली में हैं। इसलिए होटल को सीज नहीं किया जा सका है। सवाल उठता है कि क्या आयुक्त के होने पर ही नगर निगम में कामकाज होता है? क्या निगम के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों में इतनी हिम्मत नहीं कि वे किसी अवैध होटल को सीज कर सके? होटल के सीज नहीं होने पर निगम प्रशासन पर संदेह होता है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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