Friday 30 October 2015

संथारा से कम नहीं रहा विशनी देवी का निधन



अजमेर की सुप्रसिद्ध फर्म चन्दीराम एण्ड संस के मालिक चन्दीराम नारुमल की 85 वर्षीय पत्नी श्रीमती विशनी देवी का 30 अक्टूबर को निधन हो गया। विशनी देवी सिन्धी समुदाय की उन झुझारू महिलाओं में शामिल थीं जिन्होंने देश के विभाजन की त्रासदी को झेला। विशनी देवी देश के विभाजन के समय अपने पति के साथ विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान से भारत और अजमेर आई। विशनी देवी का झुझारूपन अंतिम समय तक रहा। पिछले दो-तीन माह से विशनी देवी ने अन्न का त्याग कर दिया था। इस अवधि में सिर्फ जल पर ही निर्भर थीं लेकिन पिछले तीन-चार दिनों से तो विशनी देवी ने जल का भी त्याग कर दिया। यानि विशनी देवी सिर्फ ईश्वर की दी गई हवा पर ही जिन्दा थीं। आमतौर पर ऐसी स्थिति जैन सम्प्रदाय में सन्थारा के दौरान होती है लेकिन इस स्थिति की निगरानी जैन साधु और साध्वी करते हैं। एक तरह से उन्हें आध्यात्म और विज्ञान का ज्ञान होता है इसलिए जैन समाज में सन्थारा को मृत्यु पर विजय का उत्सव भी माना जाता है। विशनी देवी ने जिन परिस्थितियों में मृत्यु को गले लगाया उसमें किसी साधु-सन्त अथवा साध्वी की देखरेख भी नहीं थी। विशनी देवी ने जब जल भी ग्रहण करने से इंकार कर दिया तो उनके पुत्र रमेश और भगवान चन्दीराम ने डॉक्टरों से जांच करवाई। डॉक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद कहा कि विशनी देवी पूरी तरह स्वस्थ हैं। सामान्य व्यक्ति की तरह विशनी देवी का रक्तचाप सही और उन्हें किसी भी प्रकार का रोग नहीं है। डॉक्टरों का यह भी मानना रहा कि यह ईश्वर का ही चमत्कार है। 30 अक्टूबर की तड़के जब विशनी देवी ने अंतिम सांस ली तो पहले परिवार के सभी सदस्यों को बुलाया और आशीर्वाद दिया। विशनी देवी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं। उनके दोनों पुत्र रमेश और भगवान ने अजमेर ही नहीं बल्कि राजस्थान में कपड़े के व्यवसाय में आसमान की ऊंचाईयां छुईं हैं। विशनी देवी का अंतिम संस्कार 30 अक्टूबर को ही कर दिया गया और उठावना एक नवम्बर रविवार को सायं 4.30 बजे लोहागल रोड स्थित लक्ष्मी नैन स्थल पर होगा।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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