Monday 19 October 2015

ख्वाजा साहब की दरगाह में मोर्हरम

पर क्या शिया-सुन्नी का विवाद हुआ?
अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह में 18 अक्टूबर की रात्रि को जब मुस्लिम विद्वान शब्बीर उल कादरी मोर्हरम पर तकरीर करने जा रहे थे तभी हैदराबाद निवासी शेख युसूफ ने जोरदार डंडा सिर पर मार दिया। एक ही वार से कादरी लहूलुहान हो गए। कादरी को तत्काल ही यहां के नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं हमलावर शेख युसूफ को पकड़ कर लोगों ने जमकर धुनाई कर दी। युसूफ ने डंडा मारने से इंकार किया है। चूंकि यह हादसा दरगाह के छतरी गेट के बाहर हुआ, इसलिए दरगाह में तनावपूर्ण माहौल हो गया। बताया जा रहा है कि दरगाह से ही जुड़े खादिमों को मौलाना शब्बीर उल कादरी की मोहर्रम पर तकरीर पसंद नहीं आ रही थी। इस संबंध में कुछ खादिमों ने दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के पदाधिकारियों का ध्यान भी आकर्षित कियाथा। नाराज खादिमों का कहना था कि मोर्हरम पर मौलाना कादरी जो तकरीर कर रहे हैं वह इस्लाम के अनुकूल नहीं है। यह भी आरोप लगाया गया कि मौलाना कादरी शिया मान्यताओं के अनुरूप तकरीर करते हैं जिसमें छाती पीटना आदि शामिल हैं। जबकि पूर्व में ऐसी तकरीर कभी नहीं हुई। खादिमों के विरोध के बाद भी मौलाना कादरी की तकरीर जारी रही। बताया जाता है कि इसी का परिणाम रहा कि कादरी पर 18 अक्टूबर पर जानलेवा हमला हो गया। हालांकि अंजुमन कमेटी के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने दरगाह में शिया-सुन्नी के किसी विवाद से इंकार किया है।
दरगाह में है परम्परा:
हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोर्हरम मनाया जाता है। ख्वाजा साहब की दरगाह में यह परम्परा है कि खादिमों की संस्था अंजुमन मोर्हरम पर किसी विद्वान को बुलाकर तकरीर करवाती है। तकरीर में इमान हुसैन की शहादत के बारे में धार्मिक जानकारियां दी जाती है और यह बताया जाता है कि किन हालातों में मोहम्मद साहब के नवासों को शहादत देनी पड़ी। असल में सुन्नी और शिया सम्प्रदायों में शहादत की तकरीर को अलग-अलग तरीके से पेश किया जाता है। सुन्नी सम्प्रदाय में भी इमाम हुसैन साहब की शहादत का बहुत महत्व है लेकिन इसको लेकर जब तकरीर की जाती है तो छाती आदि पीटने की रस्म नहीं होती है। दरगाह में पूर्व के वर्षों में सुन्नी सम्प्रदाय से जुड़े मुस्लिम विद्वानों को बुलाकर ही तकरीर कराई जाती रही है।
प्रशासन की नजर:
18 अक्टूबर की रात को दरगाह के छतरी गेट के बाहर जो हिंसक हादसा हुआ, उससे अजमेर प्रशासन भी चिंतित है। वारदात के बाद से ही दरगाह के अन्दर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने दरगाह से जुड़े सभी प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि मोर्हरम के दौरान पूर्ण शांति बनाए रखी जाए। हालांकि वारदात के बाद कुछ उत्तेजित लोगों ने दरगाह के निकट कुछ दुकानों में तोड़-फोड़ की है। प्रशासन ने यह चेतावनी दी है कि माहौल खराब करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। दरगाह से जुड़े सभी समुदायों से सद्भावना बनाए रखने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से सम्पर्क बनाए हुए हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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