Saturday 31 October 2015

बताओ, ख्वाजा साहब की दरगाह में नजराना भेजने वाला पहला मराठा सरदार कौन था? अफसर बनने वालों से परीक्षा में पूछा सवाल! राजस्थान लोक सेवा आयोग की


 ओर से 31 अक्टूबर को राज्य प्रशासनिक और अधीनस्थ सेवा 2013 की प्रारंभिक परीक्षा ली गई। परीक्षा में 150 सवाल पूछे गए। 134 नम्बर के सवाल में आयोग ने अभ्यर्थियों से पूछा कि अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह पर नजर (भेंट) भेजने वाले प्रथम मराठा सरदार कौन थे? आयोग ने अभ्यर्थियों को चार विकल्प सुझाए। पहला- पेशवा बालाजी राव। दूसरा- नवाब अली बहादुर, पेशवा बालाजी राव प्रथम का पौत्र (मस्तानी नामक पत्नी से), तीसरा राजन साहु, शिवाजी के पौत्र। चौथा-पेशवा बालाजी विश्वनाथ।
आयोग ने 31 अक्टूबर को जो परीक्षा ली वह राज्य सेवा के लिए अफसरों का चयन करने वाली है। परीक्षार्थियों के यह समझ में नहीं आया कि आखिर 134 नम्बर के सवाल से आयोग अफसर बनने की कौन सी योग्यता जांचना चाहता है? यह माना कि ख्वाजा साहब की दरगाह में देश-विदेश के शासकों ने समय-समय पर अपनी ओर से नजराना भेजा है या फिर स्वयं जियारत करने के लिए आए हैं। देश में शासन किसी का भी रहा हो लेकिन दरगाह में आने वाले लोगों की कभी कमी नहीं रही। चाहे कोई किसी भी समुदाय का रहा हो लेकिन उसने ख्वाजा साहब की दरगाह के प्रति अपनी आस्था को प्रकट किया है।
यह भी रहा चकराने वाला सवाल:
98 नम्बर का सवाल भी अभ्यर्थियों को चकराने वाला रहा। इस सवाल में पूछा गया कि हाल ही में किसने कहा था कि लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत का भविष्य खतरे में है? इस सवाल के चार विकल्प सुझाए गए, पहला- अरूधन्ति राय, दूसरा-किरण बेदी, तीसरा-रिचर्ड ए फाल्क तथा चौथा एम जे अकबर। 
आधे भी नहीं आए परीक्षा देने:
आरएएस प्री की परीक्षा के लिए आयोग ने 4 लाख 78 हजार 29 अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र भेजा लेकिन 31 अक्टूबर को मात्र एक लाख 71 हजार 571 अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी। यानि कुल 42.07 प्रतिशत अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। कम उपस्थिति के संबंध में अध्यक्ष पंवार का कहना रहा कि इस बार गंभीर अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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