Sunday 11 October 2015

उद्धव ठाकरे बनाम इन्दु शेखर पंचोली

मुम्बई की जगह लखनऊ में हुआ गुलाम अली का प्रोग्राम
मुम्बई में शिवसेना के चीफ उद्धव ठाकरे और देश के प्रमुख दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला के लखनऊ संस्करण के चीफ इन्दु शेखर पंचोली में कोई समानता नहीं है और न ही दोनों एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी। उद्धव को मुम्बई में राजनीति अपने पिता की विरासत के तौर पर मिली है, जबकि इन्दुशेखर अजमेर से निकलकर जयपुर होते हुए लखनऊ में पत्रकारिता कर रहे हैं। सब जानते है कि पाकिस्तान के सुप्रसिद्ध गजल गायक गुलाम अली की गजलों का कार्यक्रम मुम्बई में होना था, लेकिन शिवसेना के चीफ उद्धव ठाकरे के विरोध के चलते गुलाम अली का कार्यक्रम मुम्बई में नहीं हो सका। कार्यक्रम के लिए गुलाम अली पाकिस्तान से भारत आ गए थे। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन्दुशेखर ने अमर उजाला की ओर से गुलाम अली से सम्पर्क साधा। अमर उजाला का 10 अक्टूबर को लखनऊ में पहले से ही एक कार्यक्रम निर्धारित था। इस कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के लघु उद्यमियों की समस्याओं को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र के समय रखा जाना था। इन्दुशेखर ने मोबाइल पर गुलाम अली से आग्रह किया कि वे जो गजलें मुम्बई में सुनाना चाहते थे, उन गजलों को लखनऊ में सुनाएं। गुलाम अली को भी इससे बेहतर मौका नहीं मिल सकता था। गुलाम अली 10 अक्टूबर को लखनऊ पहुंच गए। यूपी के सीएम अखिलेश को जैसे ही यह पता चला कि गुलाम अली लखनऊ आ रहे हैं तो उन्होंने तत्काल इन्दुशेखर से सम्पर्क साधा और आग्रह किया कि गुलाम अली को सीएम हाउस पर चाय पर बुलाया जाए। इन्दुशेखर ने तत्काल सहमति जता दी और गुलाम अली को लेकर सीएम हाउस पहुंच गए। यहां तीनों में गुफ्तगू हुई। अखिलेश ने भी गुलाम अली से कहा कि वे लखनऊ में अपनी गजलें सुनाएं। अखिलेश ने कहा कि यूपी में हिन्दू और मुसलमान भाईचारे के साथ रहते हैं। अखिलेश ने गुलाम अली को लखनऊ बुलाने के लिए इन्दुशेखर को भी शाबाशी दी। रात को लखनऊ में जब गुलाम अली ने अपनी गजलों की शुरुआत की तो कहा कि मेरे लिए यह सकून की बात है कि लखनऊ जैसे शहर में गजलें सुना रहा हूं। यहां गुलाम अली ने जमकर गजलें सुनाई। उन्होंने कहा कि दोनों मुल्कों का आवाम शांति चाहता है।
अजमेर के है पंचोली :
इन्दुशेखर पंचोली अजमेर के रहने वाले है। पंचोली के पिता बद्रीप्रसाद पंचोली राजकीय महाविद्यालय में हिन्दी संकाय के विभागध्यक्ष से सेवानिवृत्त हुए है। इन्दुशेखर ने अपनी पत्रकारिता की शुरूआत अजमेर में ही दैनिक न्याय से की थी। इसके बाद पंचोली दैनिक नवज्योति से गुजरते हुए भास्कर पहुंचे। भास्कर के बाद पंचोली अब अमर उजाला की कमान संभाले हुए है। 10 अक्टूबर को जिन परिस्थितियों में गुलाम अली को लखनऊ बुलाया, उसके लिए अमर उजाला प्रबंधन ने इन्दुशेखर की पीठ थपथपाई है। इन्दुशेखर की पहल पर ही लखनऊ में लघु उद्यमियों का सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन की खासियत यह रही कि इसमें समाजवादी पार्टी की सरकार के सीएम अखिलेश शामिल हुए तो वहीं केन्द्र की भाजपा सरकार के मंत्री कलराज मिश्र भी शामिल हुए। सम्मेलन में लघु उद्यमियों की समस्याओं को राज्य और केन्द्र के सामने एक साथ रखा गया ताकि समाधान में बहानेबाजी नहीं हो।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

2 comments:

  1. Prof Pancholi was distinguished prof of my college my thinking never match with him i am liberal but i welcome views of his l respect Prof Pancoli.....and step taken by his son by org gulam Ali saheb show @ lakhnow

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  2. Prof Pancholi was distinguished prof of my college my thinking never match with him i am liberal but i welcome views of his l respect Prof Pancoli.....and step taken by his son by org gulam Ali saheb show @ lakhnow

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