Wednesday 28 October 2015

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएम वसुंधरा का हौंसला बुलंद।



राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने 27 अक्टूबर की शाम को दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। सरकारी खबरों में कहा गया कि सीएम ने रिसर्जेट राजस्थान के समारोह में आने का निमंत्रण पीएम को दिया और प्रदेश की विकास योजनाओं एवं समस्याओं के बारे में भी बताया। इस मुलाकात के अगले ही दिन 28 अक्टूबर को सीएम राजे ने देशनोक स्थित करणी माता स्मारक का शिलान्यास किया। इसके बाद राजे तीन दिवसीय दौरे पर नागौर आ गई। देशनोक के समारोह में राजे ने जो भाषण दिया। वह आत्मविश्वास से भरा हुआ था। राजे के हाव-भाव और बोलने के अंदाज से लग रहा था कि पीएम मोदी से बड़े ही सौहार्द्र पूर्ण माहौल में बातचीत हुई है। पिछले दो तीन माह स ेएक के बाद एक  वसुंधरा राजे पर राजनीतिक हमले हुए है। क्रिकेट के भस्मासुर ललित मोदी की कंपनी से शेयर बेचने के नाम पर 11 करोड़ रुपए लेने के आरोपों के मद्देनजर कांग्रेस ने संसद नहीं चलने दी और इधर राजस्थान में खान आवंटन घोटाला उजागर होने से राजे की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ा। इस खराब माहौल में ही राजे के इस्तीफा अथवा हटाए जाने की अटकलें भी लगाई गई। यहां तक कहा गया कि बिहार के चुनाव के बाद वसुंधरा राजे को हटा दिया जाएगा। ऐसे वातावरण में कई मौकों पर राजे को भी निराश देखा गया। लेकिन 28 अक्टूबर को देशनोक और नागौर में ओजस्वी भाषण देकर राजे ने संकेत दिए हैं कि पीएम मोदी के स्तर पर उनके खिलाफ कोई नकारात्मक माहौल नहीं है और फिलहाल उन्हें सीएम की कुर्सी से बेदखल भी नहीं किया जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजे अनेक बड़े निर्णय लेंगी। जिसमें राजनीतिक नियुक्तियां भी शामिल हैं। हो सकता है कि मंत्री मंडल में फेरबदल भी किया जाए। 
लखावत की प्रशंसा
देशनोक के समारोह में राजे ने राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत की जमकर प्रशंसा की। राजे ने कहा कि आज प्रदेश भर में हमारी सांस्कृतिक विरासत का जो संरक्षण और विकास हो रहा है उसके पीछे लखावत की ही मेहनत है। लखावत के बिना सरकार को इतनी सफलता नहीं मिल पाती। प्राधिकरण के माध्यम से लखावत ने हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का जो विकास किया है, वह सराहनीय है। संभवत: राजस्थान के सभी जिलों में काम शुरू हुए है। मुझे उम्मीद है कि अगले एक दो वर्षों में सभी कार्य पूरे हो जाएंगे। इससे पहले लखावत ने अपने संबोधन में कहा कि वसुंधरा राजे भी किसी देवी से कम नहीं हैं। अपनी धार्मिक प्रवृत्ति के अनुरूप सीएम राजे ने प्राधिकरण को धनराशि उपलब्ध करवाई है। यह कार्य सीएम के सहयोग के बिना नहीं हो सकता था। मुझे संतोष है कि प्रदेश की जानता को अपनी सांस्कृतिक विरासत और इतिहास को समझने का अवसर मिलेगा।

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