Wednesday 28 October 2015

न शेखावत आए और न हंगामा हुआ।



2 नवम्बर को फिर होगी निगम की साधारण सभा।
भाजपा के धर्मेन्द्र गहलोत के मेयर बनने के बाद 28 अक्टूबर को पहली बार अजमेर नगर निगम की साधारण सभा हुई। मेयर चुनाव में गहलोत को चुनौती देने वाले भाजपा के बागी सुरेन्द्र सिंह शेखावत सभा में आए ही नहीं। सभा में पूरी तरह गहलोत छाए रहे। कचरा परिवहन के लिए ठेकेदार को 32 लाख रुपए के भुगतान का प्रस्ताव सभी पार्षदों ने मंजूर कर दिया। अब ठेकेदारों को प्रतिमाह 1 करोड़ 16 लाख 375 रुपए का भुगतान किया जाएगा। सरकार के नए बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन करने के लिए 2 नवम्बर को फिर से साधारण सभा बुलाई गई है। गहलोत ने कहा कि पार्षदों को पहले बायलॉज पढऩे चाहिए और फिर संशोधन के सुझाव दें।उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि बिना पढ़े ही पार्षद अपने विचार रख रहे हैं। उन्होंने माना कि राज्य सरकार के नए बायलॉज अजमेर में लागू नहीं हो सकते हैं। सभा के शुरू होने पर गहलोत ने भाषण देते हुए कहा कि विकास में राजनीति नहीं होनी चाहिए। चुनाव राजनीतिक दल अपने-अपने नजरिए से लड़ते हैं, लेकिन विकास के मुद्दे पर सब को एक रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे भले ही भाजपा से जुड़े हों,लेकिन उनकी नजर में निगम के सभी साठ पार्षद बराबर हैं। वे कांग्रेस के पार्षदों का भी उतना ही सम्मान करेंगे जितना भाजपा के पार्षदों का करते हैं। गहलोत के भाषण का कांग्रेस के पार्षदों ने भी स्वागत किया। कांग्रेस के पूर्व मेयर कमल बाकोलिया के साधारण सभा से भागने की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि वे साधारण सभा में जमकर बैठे रहेंगे। असल में गहलोत ने जो राजनीतिक जाजम बिछाई उसमें भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के पार्षद संतुष्ट नजर आए। 
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

1 comment:

  1. मैं तेरी पीठ खुजाता हूँ तुम मेरी। एक दूसरे के आर्थिक हितों की चिंता करो तो सब संतुष्ट नजर आते हैं जनता तो यूँ ही सहती आई है सहती रहेगी। एक भी वार्ड की सफाई संतोष जनक नहीं है फर्जी हाजरी हो रही है कुछ नहीं बदला सिर्फ पार्षद बदले है मलाई खाने वाले बदलें है।
    दिवाली सामने है ना तो वार्ड की सफाई हो रही है ना रौशनी । जो लाइटे जल रही हैं वो दिन रात जलती है और जो बंद है उसको ठीक करने वाला नहीं। शिकायतों से कोई जूँ तक नहीं रेंगती। अफसर बेपरवाह हैं तो पार्षद असहाय।

    ReplyDelete